श्रीराम कथा के माध्यम से मानव के अंदर, श्रीराम का आदर्श चरित्र प्रकट होता है: स्वामी दिव्यानंद

श्रीराम कथा के माध्यम से मानव के अंदर, श्रीराम का आदर्श चरित्र प्रकट होता है: स्वामी दिव्यानंद



अंबेडकरनगर के जलालपुर मानस मंच द्वारा रामलीला मैदान में श्रीराम कथा का आयोजन


- सत्यम सिंह/ विकास निषाद 


यदि राम जैसा पुत्र चाहिए, तो पिता के दशरथ जैसे संस्कार जरूरी है। आज समाज में श्रीराम कथा की विशेष आवश्यकता है। कथा के माध्यम से मानव मात्र के अंदर श्रीराम का आदर्श चरित्र प्रकट होता है। श्रीराम कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। 







उक्त उद्बोधन हैं, दिव्यानंद जी महाराज के, जो जलालपुर में मानस मंच द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के दौरान कहे गए। उल्लेखनीय है कि जलालपुर मानस मंच द्वारा नौ दिवसीय भव्य श्रीराम कथा का आयोजन किया गया है, जिसके पांचवे दिन श्रीराम जन्मोत्सव श्रद्धापूर्वक धूम-धाम से मनाया गया। 


अयोध्या धाम से पधारे स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने राम जन्म प्रसंग सहित चारों भाइयों के जन्म की ऐसी व्याख्या की, जिससे श्रोता भाव-विभोर हो उठे। 






उल्लेखनीय है कि मानस मंच जलालपुर द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के सभी नौ दिवसों को, विशेषकर राम जन्मोत्सव को भव्य और उत्कृष्ट बनाने के लिए मानस मंच के समस्त पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने उत्साह केए साथ श्रमदान किया। इस अवसर पर भगवान श्रीराम का आकर्षक श्रृंगार श्रद्धालुओं और दर्शकों के लिए मनमोहक रहा। राम जन्मोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। 


श्रीराम जन्मोत्सव के बाद पधारे श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण हुआ। श्रीराम कथा को भव्यतम करने के लिए मानस मंच पुरोहित आचार्य रामदेव मिश्र का नेतृत्व व निर्देशन सराहनीय रहा । आचार्य मिश्र के निर्देशन में सर्वश्री सोनू गौड़, मुन्नालाल जायसवाल, अनिल जायसवाल, श्रीचंद गुप्ता, आशाराम मौर्य, कन्हैंया लाल मद्धेशिया, मोहन जायसवाल, आनंद, रवि चंद्र शिल्पी आदि ने साफ-सफाई एवं अन्य कार्यों हेतु श्रमदान किया। 





इस मौके पर प्रभारी निरीक्षक थाना जलालपुर संत कुमार सिंह, संजीव मिश्र, कृष्ण गोपाल गुप्ता, विकास निषाद (पत्रकार), रोशन सोनकर, अमित मद्धेशिया, और श्रद्धालु मौजूद रहे।  


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