राम लला की आरती में शामिल होने का सुनहरा मौका, घर बैठे मिलेगा पास, जानें- प्रॉसेस

राम लला की आरती में शामिल होने का सुनहरा मौका, घर बैठे मिलेगा पास, जानें- प्रॉसेस

रामजन्मभूमि में प्रतिदिन तीन बार भगवान रामलला की आरती होती है, जिसमें शामिल होने के लिए सीमित संख्या निर्धारित की गई है.




अयोध्या राम मंदिर बनकर लगभग तैयार हो गया है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा, ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. इस बीच रामलला की आरती में शामिल होने के लिए पास की ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यवस्था भी शुरू हो गई है. जिसके लिए लोग बड़ी संख्या में बुकिंग कर रहे हैं. 


दरअसल रामजन्मभूमि में प्रतिदिन तीन बार भगवान रामलला की आरती होती है. पहली आरती सुबह साढ़े बजे होती है, दूसरी आरती दोपहर बारह बजे और तीसरी आरती शाम साढ़े सात बजे होती है. इस आरती में शामिल होने के पास की व्यवस्था शुरू हो गई है.  


इस बारे में जानकारी देते हुए आरती पास के सेक्शन मैनेजर दुर्वेश मिश्रा ने बताया कि रामलला की सुबह श्रृंगार आरती होती है, दोपहर को भोग आरती होती है और शाम को संध्या आरती है. इन तीनों आरतियों में वो श्रद्धालु जिनका पास बना हुआ है वो शामिल हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि अभी आरती में एक बार में तीस लोग आ सकते हैं लेकिन भविष्य हिसाब से संख्या घटाई और बढ़ाई जा सकती है. इसका प्रारूप बन सकता है. 


दुर्वेश मिश्रा ने बताया कि मंदिर की आरती में शामिल होने की सभी सेवाएं निःशुल्क हैं. सभी भक्तों के लिए बराबर हैं, बड़ा-छोटा, अमीर-गरीब सब एक समान हैं. अभी आरती के पास के लिए कुछ दिन पहले ही ऑनलाइन की व्यवस्था भी शुरू की गई है. राम जन्मभूमि का ऑफिशियल वेबसाइट है, उस पर जाकर आप ऑनलाइन आरती के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालाँकि यहाँ पर इसकी समय सीमा तय हैं. श्रद्धालु स्वयं जाकर पास बनवाकर, यहां आ सकते हैं और पास रिसीव करके फिर आरती में हिस्सा ले सकते है. 


आरती पास के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स का होना भी ज़रूरी है. देवेश मिश्रा ने बताया कि "इसके लिए केवल चार डॉक्यूमेंट ही लगते हैं. इनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट. इन चारों में से कोई भी एक डॉक्यूमेंट श्रद्धालु को अपने पास रखना पड़ता है ताकि वो यहां आकर उसे दिखाकर अपना पास ले सके." उन्होंने कहा कि भक्त आते हैं अपना पास बनवाकर ले जाते हैं. सुरक्षा को देखते हुए पास की संख्या को सीमित ही रखा गया है.

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