नई दिल्ली। संविधान सभा के मौके पर आज संसद भवन में विशेष कार्यक्रम ओयाजित किया गया। इसमें राष्ट्रपति, उप.राष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए। कांग्रेस, आरजेडी, लेफ्ट, टीएमसी, आरजेडी, शिव सेना, एनसीपी, सपा, आईयूएमएल, और डीएम के सेमत करीब 14 राजनीतिक पार्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है। इस बात की संभावना है कि कांग्रेस के साथ दूसरे विपक्षी दल भी इसमें शामिल नहीं हुए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संविधान सभा की चर्चाओं का डिजिटल संस्करण जारी किया और संवैधानिक लोकतंत्र पर आधारित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने में देश का नेतृत्व किया।
वैंकेया नायडू ने इस दिन को बेहद खास बताया। इस दिन एक विचार को संविधान के रूप में साकार किया गया था। अपने संबोधन में उन्होंने डाक्टर राजेंद्र प्रसाद का भी जिक्र किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर को धन्यवाद दिया कि उन्होंने इस मौके पर इस दिवस का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि ये किसी पीएम के संबोधन का दिवस नहीं है।
आजादी और देश के लोगों को उनका अधिकार मिले इसके लिए लड़ना जरूरी था। महात्मा गांधी ने इस दौरान छेड़ी अपनी लड़ाई में भारत के नागरिकों के मन में उस बीज को बोया जिसमें खादी पहनने की जरूरतए सफाई का महत्व बताया गया था। आजादी के बाद इसको बढ़ाना चाहिए थाए लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार में सजा पाने के बावजूद केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए केवल अपने हितों को साधने के लिए उनसे नाता जोड़ा जाता है तो इसका गलत संदेश जाता है। इससे चिंता स्वाभाविक है।
पीएम मोदी ने इस दौरान पारिवारिक पार्टियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टियां संविधान को भूल चुकी हैं। उन्होंंने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली पार्टियां चिंता का विषय हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वो इस बात के खिलाफ नहीं है कि एक ही परिवार से कोई दूसरा व्यक्ति राजनीतिक पार्टी में न आए। वो इससे दुखी हैं कि कुछ पार्टियां पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार से चलती हैं। उन्होंने कहा कि फार द फैमिलीए बाए द फैमिलीण्ण्ण्आगे कहने की जरूरत नहीं।
