सीएमओ का चहेता इस बाबू का घनिष्ठ दोस्त बलरामपुर तैनाती के बाद भी यही पर करता है कार्य, मचाई है मनमानी लूट
अम्बेडकरनगर। इस समय जिले के सीएमओ कार्यालय मे कार्यरत पूर्व से एक बहुचर्चित बाबू और उसके कारनामे सुर्खियों में है। सोशल मीडिया में उक्त बाबू के क्रियाकलाप और हो रहे भ्रष्टाचार की खबरे बराबर प्रसारित हो रही है। एक तरह से जैसे जैसे मौसम परिवर्तित हो रहा है, उसी क्रम में सीएमओ आफिस अम्बेडकरनगर में व्याप्त मनमानी और भ्रष्टाचार की खबरें भी प्रमुखता से प्रकाशित व प्रसारित हो रही है। मीडिया की सुर्खियों के अनुसार सीएमओ आफिस के एक बहुचर्चित बाबू ने फर्जी तौर पर दिव्यांग प्रमाण पत्र के बल पर शासन को गुमराह कर अपना बीते महीनों हुआ तबादला रुकवा लिया।
बता दें कि शासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग में 10 वर्षों से अधिक अवधि से एक ही जिले मे तैनात लिपिको का स्थानान्तरण किया गया था। उसी क्रम में अम्बेडकरनगर के लगभग एक दर्जन ऐसे क्लर्कों का गैर जनपद मेें तबादला भी हुआ था जो इस जिले मे 10 साल से अधिक समय से तैनात रहे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात बहुचर्चित बाबू का भी स्थानान्तरण भी इस दौरान हो गया था। इस चालाक स्थानीय निवासी और पहुंच वाले लिपिक ने दिव्यांग प्रमाण पत्र के बल पर अपना तबादला रुकवाने मे सफल रहा। हालांकि सूत्रों के अनुसार तबादला रुकवाने में लाखों रुपये खर्च करने पड़े।
बताया जाता है कि गैर जनपद से स्थानान्तरित होकर आये लिपिको को सीएमओ कार्यालय में पटल नही दिया गया। कहते है कि उक्त बाबू के इसारे पर एक लिपिक को स्टोर का प्रभार बनाकर पैसे का लम्बा खेल खेला गया है। वर्तमान स्टोर इंचार्ज ड्रग्स विभाग मे लिपिक के पद पर तैनात है। विभाग के अन्य लिपिको द्वारा इसकी शिकायत की गई थी उनके पास किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नही है और ऐसे कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पटल दिये गये है जिसका कोई औचित्य ही नही है। लिपिको के इस शिकायत को सीएमओ ने नजर अन्दाज कर दिया।
विभागीय सूत्रों के अनुसार उक्त बहुचर्चित बाबू के पास एनआरएचएम का चार्ज था। परन्तु यहां पर तैनात पूर्व कैशियर के तबादले के बाद उसे कोषाध्यक्ष का चार्ज दे दिया गया।ं बताया गया है कि सीएमओ आफिस मे तैनात कैशियर का तबादला बस्ती हो गया हैं। एनआरएचएम का पूरा प्रभार कार्य तथा कैशियर जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनाती पाकर उक्त बहुचर्चित बाबू की दसो उंगलियो घी मेे और सिर कडाहे मे हो गया। ऐसा तभी सम्भव हुआ जब उसके कार्य व्यवहार एवं स्टाइल से सीएमओ प्रभावित व आकर्षित हो गये। उक्त बाबू इस समय सीएमओ आफिस मे तैनात होकर पूरे जिले के स्वास्थ्य महकमे पर एक क्षत्र राज्य कर रहा है।
इस बहुचर्चित बाबू के बारे मे बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग से सम्बन्धित सामग्रियो व दवाओं की सप्लाई पूरे जनपद मे इसी के हित मित्रो, ठेकेदारो व क्षद्म नाम से खोली गई फ्रेन्चाइजी द्वारा किया व कराई जाती है। जिसमे लाखों करोड़ो की प्रति वर्ष कमाई की जाती है। कोरोना काल में इस बाबू के कारखानो मे निर्मित मास्क, बेड सीट और अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सामग्रियो की सप्लाई की गई जो अभी तक बदस्तूर है।
एक दूसरी महत्वपूर्ण व चौकाने वाली खबर भी मीडिया की सुर्खियों मे है। वह यह कि इस बहुुचर्चित बाबू के साथ ही स्वास्थ्य विभाग मे नियुक्ति पाये एक लिपिक का जिसका स्थानान्तरण यहां से बलरामपुुर हो गया हैें। वह भी नई नियुक्ति स्थान पर ना रहकर सीएमओ कार्यालय मे ही कार्यरत है। बलरामपुर तबादले पर गया यह बाबू जिले के स्वास्थ्य महकमे के स्टोर का प्रभार देख रहा था। लेकिन यह कर्मचारी बलरामपुर मेे तैनाती ज्वाइंिनग के बाद सुबह से लेकर शाम सीएमओ आफिस मे ही रहता है। इस बाबू के बारे मे बताया गया कि यह भी बहुत ही घाघ औेर दबंग प्रवृत्ति का है। अम्बेडकरनगर मे तैनात होकर स्टोर प्रभारी के रुप मे लूट मचाई थी। अब वही बाबू वेतन तो बलरामपूर से लेता है लेकिन कमाई सीएमओ कार्यालय अम्बेडकरनगर से करता हैै।
