अम्बेडकरनगर। सरकार की व्यवस्था सभी अस्पतालों में पैथालॉजी की सभी जांचे नि:शुल्क कराने की है। स्वास्थ्य विभाग शासन की व्यवस्था के अनुसार सभी तरह की नि:शुल्क जांच का दावा करता है। हालांकि दावे का सच इतर है। निजी कम्पनी से करार के बाद जिला अस्पताल जैसे बड़े अस्पतालों में जहां पांच दर्जन से अधिक जांचे नि:शुल्क होती होती थी वहीं महीनों से करार खत्म हो जाने के बाद अधिकांश जांचे बंद हो गई है। जब जिला अस्पताल में ही अधिकांश जांचे नहीं होती है तब सहज ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की पैथालॉजी जांच का सच जाना जा सकता है। पीएचसी तो दूर सीएचसी पर अधिकांश जांचे नहीं होती हैं। पेश है एक रिपोर्ट-
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवाना में नहीं हैं टेक्नीशियन कैसे हो जांच:
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवाना में पैथोलॉजी जांच के लिए टेक्नीशियन की ही तैनाती नहीं है। पीएचसी स्तर के मानक के अनुसार एक टेक्नीशियन तैनात हैं, लेकिन उच्चीकरण के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पैथोलॉजी की जांच नहीं होती है। बताया गया कि टेक्नीशियन की तैनाती का प्रयास हो रहा है। टेक्नीशियन नियुक्त होने के बाद जांचे शुरू होंगी।
यहां तो घट गई पैथोलॉजी जांच:
जिला मुख्यालय नगर अकबरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरानपुर मोहल्ले के अस्पताल में कई महत्वपूर्ण जांच नहीं होती हैं। यहां तक की प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के ब्लड तक की जांच की हर समय नहीं होती है। ओपीडी समय के बाद की जांच के लिए बाहर के निजी पैथालॉजी केन्द्रों की शरण लेनी पड़ती है। इससे मरीजों को भारी भरकम रकम खर्च करनी पड़ती है।
11 बजे के बाद जांच के लिए नहीं लेते सैम्पल:
संयुक्त जिला चिकित्सालय के पैथोलॉजी विभाग में आधुनिक मशीनों का अकाल तो है ही स्टाफ की भी कमी है। महज दो ही स्टाफ की तैनाती है। मैन पावर की आपूर्ति करने वाली कंपनी एलटीएनल के चार स्टाफ के जरिए कामचलाऊ जांच की व्यवस्था ही उपलब्ध है। एक दिन में जांच करा पाना मुश्किल और पैथोलॉजी की जांच कराना एवरेस्ट पर चढ़ने के समान है। इसका कारण केवल 11 बजे तक ही जांच के लिए खून और पेशाब का सैम्पल लिया जाना है।
केवल औपचारिक है जांच की व्यवस्था:
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आसोपुर टांडा में कोलेस्ट्रॉल, थायराइड, एचडीएल, एलडीएल तक की भी जांच नहीं होती है। यूरिक एसिड, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम की भी जांच सेवा सुविधा नहीं है। यहां केवल औपचारिक जांच की ही सुविधा है।एक दिन में नहीं मिलती है रिपोर्ट: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी में कई प्रमुख जांच नहीं होती हैं। विडंबना यह है कि जो जांचे होती हैं उनकी रिपोर्ट भी एक दिन में नहीं मिल पाती है। मौके पर मौजूद कई मरीजों ने बताया कि आज तीसरे दिन आने पर उन्हें ब्लड जांच की रिपोर्ट मिल सकी है। आज डॉक्टर ही नहीं हैं। ऐसे में डॉक्टर को दिखाने के लिए फिर से सोमवार को आना पड़ेगा।
अधिकारी बोले-
जिले की सभी सीएचसी पर आवश्यक पैथालॉजी की जांचे होती है। कुछ जगह स्टॉप की कमी है। पैथोलॉजी जांच को सुदृढ़ करने के लिए टेक्नीशियन की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है।
