अम्बेडकरनगर के 567 परिषदीय स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं, शिक्षक-छात्र असुरक्षित

अम्बेडकरनगर के 567 परिषदीय स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं, शिक्षक-छात्र असुरक्षित


अम्बेडकरनगर।
प्रदेश सरकार परिषदीय स्कूलों को बेहतर करने का दावा करती है। स्कूलों में वाईफाई की सुविधा लाने की बात हो रही है, लेकिन जमीन हकीकत देखे तो अभी स्कूलों के बाउंड्रीवाल नहीं बन सके है। जिले में परिषदीय विद्यालयों में बाउंडरीबॉल न होने से स्कूलों में छुट्टा जानवर घूमते रहते है। वर्तमान आंकड़ा देखें तो 1582 स्कूलों में से 1015 स्कूलों की बाउंड्री खींची जा सकी है। जबकि 567 स्कूल में बाउंड्री नहीं बन सकी है। ऐसे में कई स्कूलों में चोरी होने की घटनाएं भी सुनने में आती रहती है। साथ ही बाउंड्रीवाल व गेट न होने से छात्र छात्राओं व शिक्षकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

1582 स्कूल हैं, लेकिन बाउंडरी 1015 स्कूलों में ही अभी तक बन पाई है। स्कूलों में बाउंडरी न होने से सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों व विद्यालय की सुरक्षा को लेकर रहती है। कई बार देखा जाता है कि शिक्षण कार्य के दौरान मवेशी परिसर में प्रवेश कर जाते हैं और समस्या खड़ी कर देते है। इतना ही नहीं सड़क किनारे स्थित विद्यालयों में शिक्षकों को सबसे ज्यादा मुश्किल बच्चों की सुरक्षा को लेकर रहती है। वहीं बाउंडरी न होने से आये दिन चोरी की घटनाए भी सुनाई देती रहती है। 

परिषदीय विद्यायल जोगापुर, रतनपुर अकबरपुर, ज्ञानपुर, बरामदपुर सहित सैकड़ों स्कूलों में बाउंडरी न होने से कही चोरी होती है तो कही स्कूलों में छुट्टा जानवर घूमते है, जिससे शिक्षक व बच्चों दोनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्कूलों के अध्यापकों का कहना है कि बजट न आने से बाउंड्रीवाल नहीं बनाया जा सका है। बाउंडरी न होने से बहुत समस्या होती है। कभी कभी छुट्टा जानवर स्कूल में घुस जाते है और घण्टों उत्पात मचाते है, जिससे समस्या होती है। 

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