अम्बेडकरनगर : जिले के रसोइयों को तीन माह से नहीं मिला मानदेय, भुखमरी

अम्बेडकरनगर : जिले के रसोइयों को तीन माह से नहीं मिला मानदेय, भुखमरी


अम्बेडकरनगर।
परिषदीय विद्यालयो में एमडीएम योजना के तहत बच्चो को भोजन बनाकर खिलाने वाली रसोइयों को 3 माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने के कारण उनके घर का रसोइया खुद सूना होने के कगार पर है। इसके चलते लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। 

परिषदीय विद्यालयों में खाना बनाने वाले रसोइयों को 3 माह से वेतन मिलने का कारण इनकी आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है। मानदेय भुगतान के लिए रसोइया मजदूर लगातार संबंधित अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें बजट आने के बाद भुगतान होगा, सिर्फ ऐसा आश्वासन ही अधिकारियों द्वारा दिया रहा है। रसोइया मजदूरों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र मानदेय का भुगतान नहीं किया गया तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे।


जिले के 2049 परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम के तहत बच्चो का खाना बनाने के लिए 4902 रसोइया नियुक्त किए गए है। इनकों महीने में 1500 रूपये के हिसाब से वेतन दिया जाता है। ये रसोइया समय से बच्चो को खाना बनाकर खिलाती है, लेकिन अब इन्हीं लोगो को समय से वेतन नही मिल पा रहा है। वेतन समय से न मिलने को लेकर रसोइयों के द्वारा कई बार आंदोलन भी किया गया। रसोइयों की मांग है कि जो भी वेतन सरकार द्वारा दिया जाता है, उसे समय से मिले, लेकिन इन रसोइयों को पिछले तीन माह से वेतन नही मिला।

कई रसोइयों ने बताया कि उन लोगो को 3 माह जनवरी, फरवरी और मार्च महीने के वेतन का भुगतान नही हुआ है, जिससे उनके सामने परिवार को पालने की समस्या खड़ी हो गई है। वेतन का भुगतान जल्द नही किया गया तो वह लोग मजबूर होकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

बजट आते ही दिया जायेगा रसाइयों को मानदेय : सत्य प्रकाश मौर्य 


एमडीएम प्रभारी सत्य प्रकाश मौर्य ने बताया कि बजट न होने के कारण रसोइयों के मानदेय का भुगतान नही हो पाया है, जैसे ही बजट आ जाता है तुरन्त भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2021 तक जिले के सभी विद्यालयों के रसोइयों का मानदेय दिया जा चुका है। 

एमडीएम प्रभारी ने कहा कि जनवरी 2022 में अकबरपुर और कटेहरी ब्लाक के तहत आने वाले प्राथमिक विद्यालयों में अपनी सेवा देने वाले रसोइयों का मानदेय दिया गया था। बजट के अभाव में तीन माह से रसोइयों को मानदेय नहीं दिया जा सका है। यह समस्या इसी जिले की नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की है। पत्राचार किया जा चुका है। बजट आते ही रसाइयों को मानदेय दिया जायेगा। 

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