इस बाबू के चल अचल सम्पत्तियों की जांच के साथ तबादले की उठी मांग
अम्बेडकरनगर। जिले के सीएमओ कार्यालय में २२ साल से जमें और अकूत कमाई करने वाले सहायक का तबादला होगा और इसकी अकूत संपत्तियों की जांच भी होगी, या फिर ऐसे ही चलता रहेगा ...? विभागीय उच्चाधिकारियों की खामोशी से अचंभित होना पड़ रहा है। यह सहायक सीएमओ का चहेता बना हुआ धन कमाई में मशगूल हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस बाबू के पास दर्जनों महत्वपूर्ण पटल है।
बीते वर्ष 2021के जुलाई महीने में हुए व्यापक तबादले की जद में यह सहायक भी आया परन्तु कथित रूप से फर्जी तौर पर दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर इसने शासन और विभाग के उच्चाधिकारियों को गुमराह कर दिया और अपना तबादला रोकवा लिया।
सूत्रों के अनुसार अकबरपुर, शहजादपुर के अलावा प्रदेश के कई बड़े शहरों में कीमती भूखंडों, मिल फैक्ट्रियों का स्वामी इस बाबू ने अपने तमाम रिश्तेदारों के नाम अनेकों व्यवसाय में धन निवेश कर रखा है। इसके लाखों करोड़ों के व्यवसायिक प्रतिष्ठान पत्नी, बच्चों, भाई, भतीजों के नाम से स्थापित/संचालित हो रहे हैं। समस्त सुख सुविधा संपन्न इस सरकारी कर्मचारी के पास अनेकों लग्जरी गाडियां, आलीशान आवासीय भवन, बड़े एवम भव्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान इसके द्वारा की जा रही अवैध कमाई की कहानी कह रहे हैं।
बताते हैं कि स्वास्थ्य महकमे में कई दर्जन चार पहिया वाहन इसी के इशारे पर इसके लोगों के अनुबन्धित किये गये हैं। इनमे अधिकांश इसके ही हैं।जिले के स्वास्थ्य महकमे में पीएचसी, सीएचसी और अन्य बड़े सरकारी अस्पतालों में आवश्यक उपकरण, दवाएँ, कुर्सी-मेज, बिस्तर, मरीजों के चद्दर आदि आपूर्ति किए जाने का जिम्मा इसी सहायक को मिला हुआ है।
इस सहायक के बारे में स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग से सम्बन्धित सामग्रियां, दवायें, फर्नीचर, अन्य उपकरण जिले में इसी के हित-मित्रों, ठेकेदारों व छद्म नाम से खोली गई फ्रेन्चाइजीज द्वारा आपूर्ति कराई जाती है। 2020 कोरोना काल में इस स्वास्थ्य विभाग के बाबू के कारखानों निर्मित मास्क, बेडसीट और अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सामग्रियों की जो सप्लाई शुरू हुई वह अभी तक जारी है।
सूत्रों के अनुसार हर शाम इसके शहजादपुर/अकबरपुर स्थित कारखाने, फैक्ट्री के कमरों में इसके घनिष्ठ मित्रों, प्रभावशाली ठेकेदारों एवं अन्य दबंग लोगों का जमघट होता है। जहाँ हन्ड्रेड पाइपर्स नामक महंगी शराब और लजीज नॉनवेज भोजन का लुत्फ उठाया जाता है।
इस कारखाने के इर्द-गिर्द दर्जनों लग्जरी गाड़ियां हर शाम आकर खड़ी हो जाती हैं और खाने पीने का सिलसिला देर रात तक चलता रहता है। इस पर आने वाला हजारों रुपए का खर्चा इसके मुलाजिम द्वारा उठाया जाता है। सीएमओ कार्यालय के इस सहायक की संपत्तियों के जांच की माग करने वाले कई समाज सेवियों ने इसके तबादले की जोर दार माग किया है।
