डीडीओ वीरेन्द्र सिंह
डीडीओ वीरेन्द्र सिंह ने रेनबोन्यूज से वार्ता में कहीं उक्त बातें
शहर और ग्रामीण स्तर पर विकास कार्य बाधित न हो इस पर हम गम्भीर हैं
अम्बेडकरनगर। केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान के तहत गाँवों और शहरों में गन्दगी न हो, साफ-सफाई रहे इसके लिए आबादी और जनसंख्या के हिसाब से सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई है। हमें प्रायः सुनने को मिलता है कि अमुक गाँव व जगह पर सफाई कर्मी के न पहुंचने पर जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ है। गन्दगी का साम्राज्य व्याप्त है। गांवों के रास्तों पर सफाई के अभाव में झाड़ियों उग आई हैं। लोगों को आवागमन में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। नालियों की साफ-सफाई न होने से गन्दा बदबूदार पानी गांव वासियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।
सोशल मीडिया के जरिये पता चला है कि जिले के अधिकांश गांवों में सफाई कर्मियों की लापरवाही से स्वच्छता अभियान बेमानी सा होकर रह गया बताया जाता है। विशेष तौर पर गांवो में इस अभियान के तहत साफ-सफाई, नालियों की सफाई और दवा का छिड़काव कराया जाता है। तात्पर्य यह कि गांवों में ऐसा वातावरण बना रहे जिसमें रहने वाले लोग स्वस्थ रहें। सरकार ने इस कार्य के लिए सफाई कर्मियों की नियुक्ति तो की ही है साथ ही उस कार्य का पर्यवेक्षण के लिए ग्राम सचिव और ग्राम प्रधान को अधिकृत कर रखा है। गाँव की इस तरह की समस्याओं के बारे में हम जिला पंचायत राज अधिकारी, ब्लाक स्तरीय पंचायत अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी तथा ग्राम प्रधानों के साथ बैठकें करके समस्या निवारण हेतु हमेशा तत्पर रहते हैं।
उक्त बातें रेनबोन्यूज से करते हुए जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि गांवों में नियुक्त सफाई कर्मी अपनी ड्यूटी नियमित कर रहे हैं या नहीं इसके प्रति हम हमेशा सजग रहते हैं। हम मीडिया/सोशल मीडिया एवं ग्रामीणों की शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर संज्ञान में लेते हैं। किसी भी उदासीन व लापरवाह सफाई कर्मी को उसकी दायित्वहीनता के चलते बख्शा नहीं जायेगा। किसी भी माध्यम से यदि यह शिकायत मिलती है कि अमुक गाँव/स्थान पर साफ-सफाई के अभाव में गन्दगी व्याप्त है तो उसकी जाँच सक्षम अधिकारी से कराई जायेगी और जिम्मेदार के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही खबरों से उन्हें कमियों की जानकारी मिलती है, जिसे सुधारने में हमें आसानी होती है। सरकार के निर्देशों का पालन हो। जिले में शहर और ग्रामीण स्तर पर विकास कार्य बाधित न हों। विकास बाधकों पर कार्रवाई हो.....आदि पर हम गम्भीर हैं।
रेनबोन्यूज ने जब डीडीओ सिंह का ध्यान जिले के गाँवों में ग्राम सचिवालय की दुर्दशा की तरफ दिलाया तो उन्होंने कहा कि जिले के लगभग 50 फीसदी ग्राम सचिवालय सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं। शेष जो बचे हैं उनमें कंप्यूटर आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बजट के अभाव में नहीं लग पाये हैं। इसके लिए पत्राचार किया जा चुका है। बजट मिलते ही सभी ग्राम सचिवालयों को आधुनिक सुविधाओं लैस कर उनका संचालन शुरू कर दिया जायेगा। डीडीओ वीरेन्द्र सिंह ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि जिले का मीडिया ग्रामीण स्तर से लेकर शहर तक की सफाई व्यवस्था पर अपनी निगाह रखती है। ग्राम सचिवालय भवनों के निर्माण में हो रही मानकों की अनदेखी जहाँ भी मिलेगी सम्बन्धितों के विरूद्ध जांचोपरान्त कार्रवाई की जायेगी।
