रामचरित मानस पर टिप्पणी ठीक नहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य की मार्कशीट चेक होनी चाहिए

रामचरित मानस पर टिप्पणी ठीक नहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य की मार्कशीट चेक होनी चाहिए

चर्चित गीत 'तेरी मिट्टी में मिल जावां' के गीतकार, फिल्मी पटकथा लेखक और वक्ता मनोज मुंतशिर शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में काशी शब्दोत्सव में युवाओं को संबोधित किया। मीडिया से बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोला। 








वाराणसी के रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित काशी शब्दोत्सव में हिस्सा लेने आए गीतकार मनोज मुंतशिर ने पत्रकारों से बात की और कहा कि रामचरित मानस पर टिप्पणी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य की मार्कशीट चेक होनी चाहिए। देखना चाहिए कि वह कितना पढ़े-लिखे हैं।  



कहा कि भगवान राम और गोस्वामी तुलसीदास कभी अनुसूचित जाति, वंचित और स्त्री विरोधी नहीं रहे हैं।  मनोज मुंतशिर ने कहा कि हिंदू व सनातन धर्म को बांटने की कोशिश हो रही है, लेकिन बंटना नहीं है। यही भारतीय और सनातन परंपरा की परीक्षा है। 



मुंतशिर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की और कहा कि उन्होंने जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। यूपी की जीडीपी के बराबर निवेश लाए हैं। शास्त्र और इतिहास के हवाले से उन्होंने लखनऊ का नाम लक्ष्मण नगर करने की मांग का समर्थन किया। साथ ही कहा कि लखनऊ का नाम पहले कुछ और था तो उसे बदलने में कोई हर्ज नहीं है। 



रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में काशी शब्दोत्सव के पांचवें सत्र में युवाओं को संबोधित करते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा कि 11वीं सदी के पहले औरत शब्द भारत में नहीं था। यह अरेबिक शब्द है। इसके पहले नारी और स्त्री शब्द का इस्तेमाल होता था। हम नारी को सर्वोच्च सम्मान देने वाली संस्कृति हैं। मनोज ने कहा कि आप संकल्प लीजिए कि आज के बाद किसी भी स्त्री के लिए औरत शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे। सभी ने एक साथ संकल्प दोहराया। 



उन्होंने गुलामी के प्रतीकों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि अभी तक जो जीता वही सिकंदर पर कहां अटके हुए हो। अब जो जीता वो बाजीराव और जो जीता वो छत्रपति शिवाजी महाराज। मनोज मुंतशिर ने कहा कि हमारे देश में पढ़ाए जा रहे सेलेक्टिव इतिहास में कई लूप होल हैं।



हमें यह तो पढ़ाया जाता है कि ताजमहल किसने बनवाया लेकिन यह नहीं पढ़ाया जाता कि सोमनाथ, काशी और मथुरा को किसने तहस-नहस किया। हमें बार-बार बताया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किसने मारा लेकिन यह नहीं पढ़ाया गया कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को जिंदा दीवार में किसने चुनवा दिया। इतिहास उतना ही पढ़ाया गया जिससे आपका भला होता हो। 


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