मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि भारत मुसलमानों का पहला वतन है. इसलिए यह समझना कि इस्लाम बाहर से आया हुआ मजहब है, सरासर गलत है.
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया है. उन्होंने कहा कि, 'दुनिया का सबसे पुराना धर्म इस्लाम है और इस्लाम की पैदाइश भारत में हुई, भारत पर पहला हक मुस्लमानों का है. साथ ही इस धरती की खासियत ये है कि ये खुदा के सबसे पहले पैगंबर हैं. यह मुसलमानों का पहला वतन है. इसलिए यह समझना कि इस्लाम बाहर से आया हुआ मजहब है सरासर गलत है.'
मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि 'हिंदुत्व की गलत परिभाषा पेश की जाती है. हमारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी से कोई अदावत नहीं. हिंदु-मुस्लिम सभी बराबर हैं. हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों का मुकाबला किया.हमें पाकिस्तान से कोई लेना देना नहीं है. धर्म के आधार पर भेदभाव न हो. जिन मुसलमानों को जाना था, वो 1947 में चलें गए.' उन्होंने आगे कहा कि 'हमारा किसी से मनभेद नहीं बल्कि मतभेद है. इस दौरान उन्होंने पूर्व सर संघ चालकों की तुलना में मोहन भागवत की तारीफ भी की. जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने तुर्किए में भारत सरकार द्वारा किए जा रहे काम की जमकर तारीफ की है.'
उन्होंने कहा है कि मैं दो दो बातों का करेक्शन करना चाहता हूं. पहला मुल्क में बसने वाले एक तबके से हम अलग जरूर हैं लेकिन हम उनके खिलाफ नहीं है. अलग होना चीजों को खूबसूरत बनाता है लेकिन खिलाफ होना चीजों को मुश्किल बनाता है. भारत हमारा मुल्क है. अलग-अलग होने के बावजूद हम मुल्क से जुड़ हुए हैं. इस मुल्क को बनाने में मुसलमानों का बड़ा किरदार रहा है.
यह सोचकर कि हम पाकिस्तान चले जाते या भेज दिया होता या यह सोचना कि हमने तो अपना हिस्सा ले लिया. हो सकता है हमें जिन राजाओं की औलाद कहकर पुकारा जाता है हम उनके साथ रहे हों लेकिन अब मेरा कनेक्शन इस देश की सरजमीं से है. ना बुलाए आपके आए हैं, ना निकाले आपसे जाएंगे.
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