जंतर-मंतर पर छलके पहलवानों के आंसू, पूछा- वो ताकतवर हैं तो क्या हमें न्याय नहीं मिलेगा?

जंतर-मंतर पर छलके पहलवानों के आंसू, पूछा- वो ताकतवर हैं तो क्या हमें न्याय नहीं मिलेगा?

बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, रवि दहिया और साक्षी मलिक समेत शीर्ष भारतीय पहलवानों ने इससे पहले जनवरी में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें ब्रजभूषण को प्रधान कार्यालय से हटाने और डब्ल्यूएफआई (WFI) को भंग करने की मांग की गई थी।




भारतीय कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण सिंह से विवाद पर पहलवानों का जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन जारी है। दूसरी बार विरोध प्रदर्शन में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक धरने पर बैठे हुए हैं। इन पहलवानों ने कहा है कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ जांच समिति की रिपोर्ट आने तक धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे।


मीडिया से बात करने के दौरान भारत को पदक दिलाने वाले एथलीट्स के आंसू भी छलके। साक्षी और विनेश रो पड़ीं। इन्होंने कहा कि पहलवानों को अब झूठा कहा जा रहा, जबकि वह सच की लड़ाई लड़ रही हैं। कोई फैसला न आने तक पहलवान फिर से धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। पहलवानों ने कहा कि WFI शक्तिशाली है तो क्या उन्हें न्याय नहीं मिलेगा?


पहलवानों ने कहा कि हम मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहे हैं, यह महिला एथलीटों के सम्मान के बारे में है। हमें खेल मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है, तीन महीने बीत चुके हैं। पहलवानों ने कहा कि एक नाबालिग समेत सात लड़कियों ने यौन उत्पीड़न के संबंध में बृजभूषण सिंह के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दी, लेकिन अभी तक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। पॉक्सो (POCSO) का मामला होना चाहिए। हम करीब ढाई महीने से इंतजार कर रहे हैं।


पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वालीं साक्षी ने मीडिया से बात करते हुए कहा- ढाई महीने हो गए हैं इंतजार करते करते, रिपोर्ट सब्मिट हुई है या नहीं हमें नहीं पता। हमारे सामने अब तक कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है। अब रिपोर्ट सबके सामने आनी चाहिए। लोग हमें झूठा बता रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि हमारा प्रदर्शन झूठा था। यह हमें बर्दाश्त नहीं। इस मामले में दो दिन भी लगने नहीं चाहिए थे। एक लड़की नाबालिग है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है। हमारी शिकायत झूठी नहीं है। सच्चाई की लड़ाई लड़ी है और हम जरूर जीतेंगे। हम प्रधानमंत्री से कहना चाहते हैं कि वे हमारी मांगों को सुनें। हमने जो-जो शिकायतें की हैं उस पर कार्रवाई होना चाहिए। मैंने, विनेश ने और बजरंग ने हाल ही में पदक जीते हैं। हम झूठ के लिए यहां क्यों आएंगे। हम कुश्ती के लिए आए हैं।


वहीं, बजरंग ने कहा- हमने शिकायत की थी। उस समय यह कहा जा रहा था कि हमने एफआईआर नहीं की है। अब एफआईआर हो चुकी है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। विनेश फोगाट ने कहा- यह महिला खिलाड़ियों की सम्मान की बात है। हम ओलंपिक में पदक लाते हैं, लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता। अगर हमारे साथ ऐसा हो रहा है तो आम लड़कियों के साथ क्या होगा। हम जिनके खिलाफ लड़ रहे हैं वो लोग काफी बड़े हैं। उनकी राजनीतिक पहुंच है।


विनेश ने कहा- हम ढाई महीने से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमें अब तक न्याय नहीं मिला है, इसलिए हम फिर से विरोध कर रहे हैं। खेल मंत्रालय में भी कोई भी नहीं सुन रहा। हमें इस बात का भरोसा था कि हमारी सुनी जाएगी। हमें अभी भी भरोसा है कि न्याय मिलेगा। हमें यह भी भरोसा है कि सरकार सुनेगी। अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। हम आभारी हैं कि दिल्ली महिला आयोग (DCW) हमारा समर्थन कर रहा है।

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