अंबेडकर नगर : जिले के ग्रामीण इलाकों में फेरी लगाने वाले लोगों द्वारा की जा रही चोरियों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, और पुलिस प्रशासन इन घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। दिन में बाइक पर फेरी लगाकर गांवों में घूमने वाले युवकों का इस्तेमाल चोरी की योजनाओं में हो रहा है, जो रेकी करते हैं और सुनसान या बंद घरों को निशाना बनाते हैं। इन युवकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है, और अधिकांश ऐसे अपराधी दूसरे जिलों से आकर यहां काम कर रहे हैं।
दिन में बेचते सामान, रात में करते चोरी
यह युवक दिन में बिना किसी डर के गांवों में फेरी लगाकर सामान बेचते हैं और रात में मौका मिलते ही चोरियों को अंजाम देते हैं। बीते कुछ दिनों में ऐसे ही एक गिरोह ने कर्बला कासिमपुर बाजार में एक सर्राफा व्यापारी के घर से 46 लाख की चोरी की, और हाल ही में नारायणपुर गांव में एक और चोरी की घटना में फेरी लगाने वाले युवकों का हाथ बताया जा रहा है।
सत्यापन की मांग, पर पुलिस का मौन
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने कई बार फेरी लगाने वाले लोगों का सत्यापन कराने की मांग की है, परंतु पुलिस प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। यह लोग दिन में किसके यहां रहते हैं, कहां से आए हैं, और क्या इनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है, इसका सत्यापन अब तक नहीं किया गया है। इससे अपराधियों को खुली छूट मिल रही है और वे तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में खुलेआम घूम रहे हैं।
पुलिस की प्रतिक्रिया
थानाध्यक्ष का कहना है कि अब बीट के सिपाहियों को निर्देश दिया गया है कि वे फेरी लगाने वाले सभी लोगों का सत्यापन करें। हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि जब तक यह सत्यापन नहीं होगा, तब तक चोरी जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाना मुश्किल होगा। ग्रामीणों की सजगता और पुलिस की सक्रियता ही इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगा सकती है।