अम्बेडकरनगर। (रेनबोन्यूज समाचार सेवा)। जिले से कांग्रेस का जनाधार खत्म हो रहा है। 5 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस न केवल चुनाव हारी, बल्कि अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई। कांग्रेस इन सभी सीटों पर वह छोटे दलों से भी पीछे रही। 2012 के चुनाव में लगभग कांग्रेस का हश्र हुआ था। कांग्रेस ने कटेहरी विधान सीट से निशांत फातिमा को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें न केवल हार का सामना करना पड़ा, बल्कि वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं, उन्हें मात्र 2049 वोट ही मिले।
अकबरपुर से कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका जायसवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था। प्रियंका जायसवाल भी अपनी जमानत बचाने के लिए लड़ती दिखीं, लेकिन उनकी भी जमानत नहीं बची। उन्हें मात्र 2735 वोट मिले। 2012 के चुनाव में प्रियंका जायसवाल के पति अमित की भी जमानत जब्त हो गई थी।
टांडा से पार्टी पूर्व जिलाध्यक्ष मेराजुद्दीन किछौछवी चुनाव लड़े, लेकिन मुस्लिम बाहुल्य इलाके में वह भी कुछ खास नही कर सके। सजातीय वोटों ने भी किनारा कस लिया। इसके चलते मेराजुद्दीन की भी जमानत जब्त हो गयी, उन्हें मात्र 1972 वोट मिले और वह पांचवे स्थान पर रहे।
आलापुर विधान सीट से कांग्रेस ने सत्यमवदा को अपना उम्मीदवार बनाया था। आलापुर सुरक्षित सीट से कांग्रेस को कुछ उम्मीद थी कि, पार्टी अपनी जमानत बचा लेगी, लेकिन यहां भी कांग्रेस प्रत्याशी को 2 हजार से कम मत मिले। पार्टी को मात्र 1748 वोट मिले। कांग्रेस का यह हाल पिछली सभी चुनाव से खराब रहा।
जलालपुर विधान सभा सीट पर कांग्रेस महिला उम्मीदवार को उतार कर लड़ाई में बनना चाहती थी, लेकिन यहां भी कांग्रेस प्रत्याशी कोई कमाल नही कर पायी, उन्हें मात्र 1721 वोट मिले और इस सीट से कांग्रेस की जमानत नही बच पायी।