कभी मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट रहे अम्बेडकर पार्क की दशा दयनीय

कभी मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट रहे अम्बेडकर पार्क की दशा दयनीय


झील सूखी, बोटिंग बंद, उद्यान निरीक्षक बोले, 30 लाख रुपए मिलें तो सुधरेगी हालत

अम्बेडकरनगर। फैज़ाबाद रोड पर स्थित अम्बेडकर पार्क बजट के अभाव का दंश झेल रहा है। बजट न होने से पार्क में आने वालों के लिए कोई सुविधा नही मिल पा रही है, बल्कि पहले से जो था। वह भी खराब हो गया। झूले से लेकर फव्वारा आदि की मरम्मत नहीं हो पा रही है। उद्यान विभाग ने पार्क की मरम्मत के लिए शासन से करीब 30 लाख के बजट की मांग की है। बजट मिलने के बाद पार्क को संवारा जा सकेगा। हालांकि बजट को अभी मंजूरी नहीं मिल सकी है। इसके चलते हरियाली वाले पार्क में बेरुखी छाई है।

बसपा प्रमुख मायावती ने 1995 में जिला बनाने के बाद, यहां के लोगो को मनोरंजन एवं घूमने टहलने के लिए रमतुल्ला बाबा स्थान के बगल में अम्बेडकर पार्क बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद एक भव्य पार्क बनाया गया था। पार्क में लोगो के मनोरंजन के लिए झील, झूला व वोटिंग आदि की व्यवस्था की गई। कुछ सालों तक पार्क में सभी सुविधाएं लोगों को मिलती रही, लेकिन समय के साथ सब बंद होता चला गया।

देखरेख व बजट के अभाव में पार्क बदहाल हो गया है। झील सूख गई है इससे बोटिंग बंद हो गई। साथ ही पार्क में लगा झूला, लाइट व अन्य कई सामान भी खराब हो गए। पार्क में लगा फव्वारा वर्षो से खराब है। बजट न होने से इनकी मरम्मत नहीं हो पा रही है। पार्क बदहाली का दंश झेल रहा है। पार्क के एक कर्मचारी ने बताया कि बरसात में जब तमसा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया, तो महीनों तक पार्क में पानी भरा रहा जिससे पार्क के पेड़ पौधे सूख गये। इसके चलते बड़ा नुकसान हुआ। इसको फिर से ठीक करने के लिए बजट की दरकार है।

उद्यान निरीक्षक कमलेश गौड़ ने बताया कि पार्क को सजाने, संवारने और मरम्मत के लिए शासन से करीब 30 लाख रुपये के बजट की मांग की गई है, उन्होंने बताया कि पार्क में लॉन बनवाने, हेज लगाने के लिए, गुलाब बॉडी कटिंग लगाने के लिए, गुलाब बॉडी ब्रांडेड एवं गमले में दोबारा पौधे लगाने के लिए करीब 30 लाख रूपये की आवश्यकता है। शासन से पैसे की मांग की गई है। बजट मिलते ही पार्क को फिर सुंदर व हरा भरा किया जाएगा।

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