अम्बेडकरनगर। (रेनबोन्यूज समाचार सेवा)। डीएपी की कमी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। किसान लगातार समितियों का चक्कर लगा रहे, है, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है। ऐसे में किसानों को मजबूरन निजी दुकानों से महंगे दाम पर डीएपी खरीदनी पड़ रही है। किसानों ने समितियों पर अविलंब डीएपी उपलब्ध कराने की मांग की है।
साधन सहकारी समितियों में डीएपी न होने से किसानों को भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल इन दिनों तमाम किसान गन्ने की बोआई में लगे हुए हैं। गन्ना बोआई से पहले मिट्टी को मजबूत बनाने के लिए तमाम किसान डीएपी का प्रयोग करते है। इसके बाद ही गन्ने की बोआई करते हैं। लेकिन समिति पर डीएपी की उपलब्धता न होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
किसान लगातार समितियों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें डीएपी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में तमाम किसान निजी दुकानों से महंगे दाम पर डीएपी खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। कई किसानों ने बताया कि डीएपी न मिलने से काफी परेशानी हो रही है। गन्ने की बोआई में विलंब हो रहा है। यदि समय से डीएपी की उपलब्धता हुई होती तो काफी सहूलियत होती। सहकारी समितियो व गोदामों में डीएपी न होने से बाजार से अधिक दामों पर खरीदनी पड़ रही है। किसानों ने समितियो पर अविलंब डीएपी उपलब्ध कराने की मांग की है।