उत्तर प्रदेश सरकार ने कामों में ढिलाई बरतने वाले 73 अधिकारियों को पहले ही नोटिस जारी किया है। इसके बाद अब सीएम योगी ने भी कामकाज में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर बड़ा अल्टीमेटम दिया है। योगी ने कहा है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही हुई तो अधिकारियों को उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से विकास कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की ढिलाई के खिलाफ अधिकारियों को आगाह किया। योगी बलरामपुर में विकास योजनाओं और कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते समय जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली में प्राप्त जनता की शिकायतों का प्राथमिकता से हल सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।
दरअसल योगी बलरामपुर के जिला मुख्यालय से लगभग 28 किमी दूर तुलसीपुर में शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर में पूजा करने के बाद अधिकारियों की बैठक के दौरान यह बातें कही थी। योगी मंदिर के संरक्षक हैं। गोरखपुर के पुजारियों ने वहां "पूजा" कराई। सीएम ने मंदिर परिसर का भी निरीक्षण किया और वहां तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान उन्होंने मंडलायुक्त और वहां के डीआईजी के साथ मंदिर सभागार में विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। कोविड के कारण दो वर्ष के अंतराल के बाद वहां शारदीय नवरात्रि मेला का आयोजन होने के कारण मुख्यमंत्री ने मेले की तैयारियों का जायजा लिया और पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा व भीड़ नियंत्रण के बेहतर इंतजाम के निर्देश दिए। महायोगी गुरु गोरक्षनाथ ने 51 शक्तिपीठों में से एक बलरामपुर में पटेश्वरी पीठ की स्थापना की थी।
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने यूपी के 73 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके यहां जनशिकायतों को निपटाने में लापरवाही कैसे हुई। जवाब मिलने के बाद इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
.jpg)