योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार ने किसानों की खुशहाली के लिए खोला पिटारा, ग्रामीण क्षेत्रों का विकास प्राथम‍िकता

योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार ने किसानों की खुशहाली के लिए खोला पिटारा, ग्रामीण क्षेत्रों का विकास प्राथम‍िकता

किसानों की खुशहाली योगी आद‍त्यनाथ सरकार की प्राथमिकता पर रही है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए नई योजनाओं के साथ कदम बढ़ाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य दिलाकर किसान के हित में बड़ा कदम बढ़ाकर उनका विश्वास जीता।

गन्ना किसानों को 19 मार्च, 2017 से अब तक 1,78,608 करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान किया गया है। इनमें योगी सरकार 2.0 में बीते छह माह में 30,697 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 2.60 करोड़ किसानों को 48 हजार 324 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। खेती को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़े जाने की दिशा में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में खेती में ड्रोन के प्रयोग की शुरुआत की गई है। कृषि उत्पादक संगठन व कृषि स्नातकों को सरकार 40 से 50 प्रतिशत अनुदान पर ड्रोन उपलब्ध करा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश में 2,30,8487 बीमित किसानों द्वारा 16,45,081 हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कराया गया है। साथ ही फसली ऋण उपलब्ध कराने में भी सरकार पीछे नहीं रही। किसानों को 40,20,948 करोड़ रुपये फसली ऋण प्रदान किया गया है। योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में क‍िसानों को आर्थ‍िक रूप से मजबूत करने में प्रयासरत है। इसी क्रम में सरकार ग्रामीण व‍िकास पर भी जोर दे रही है। क‍िसानों की आय बढ़ाने के ल‍िए सरकार तकनीक की भी मदद ले रही है।

किसानों की खुशहाली योगी आद‍त्यनाथ सरकार की प्राथमिकता पर रही है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए नई योजनाओं के साथ कदम बढ़ाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य दिलाकर किसान के हित में बड़ा कदम बढ़ाकर उनका विश्वास जीता।

गन्ना किसानों को 19 मार्च, 2017 से अब तक 1,78,608 करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान किया गया है। इनमें योगी सरकार 2.0 में बीते छह माह में 30,697 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 2.60 करोड़ किसानों को 48 हजार 324 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। खेती को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़े जाने की दिशा में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में खेती में ड्रोन के प्रयोग की शुरुआत की गई है। कृषि उत्पादक संगठन व कृषि स्नातकों को सरकार 40 से 50 प्रतिशत अनुदान पर ड्रोन उपलब्ध करा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश में 2,30,8487 बीमित किसानों द्वारा 16,45,081 हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कराया गया है। साथ ही फसली ऋण उपलब्ध कराने में भी सरकार पीछे नहीं रही। किसानों को 40,20,948 करोड़ रुपये फसली ऋण प्रदान किया गया है।

भूमि सुधार के लिए 602 करोड़ रुपये की पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना भी लागू की गई है। सरकार ने किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए 27 नवीन मंडियों का आधुनिकीकरण कराने के अलावा 54 कृषि कल्याण केंद्रों की स्थापना भी कराई है। 105 करोड़ रुपये की लागत से उपमंडी स्थल मलिहाबाद (लखनऊ), नवीन मंडी स्थल मिश्रिख (सीतापुर) तथा भिनगा (श्रावस्ती) का निर्माण भी कराया गया है।

मंडियों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को 10 हजार सोलर पंप भी आवंटित किए गए। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत प्रदेश में 2,847 खेत तलाबों की खोदाई का कार्य प्रगति पर है। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में 2,49,727 लाभार्थियों को कार्ड भी उपलब्ध कराये गए हैं। नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग के अंतर्गत प्रदेश के 49 जिलों में 85,710 हेक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती कराई जा रही है।

कहते हैं कि किसी भी क्षेत्र की खुशहाली का रास्ता उसकी सड़कों से खुलता है। राज्य सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गों के निर्माण का भी पूरा ध्यान रखा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में 5,500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया है। इसके साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत 15,445 तालाबों का चिह्नांकन करते हुए अब तक 8,097 तालाबों (अमृत सरोवरों) का निर्माण कार्य पूरा कराया गया है।

मनरेगा के तहत पिछले साढ़े पांच वर्षों में 136 करोड़ मानव दिवस सृजित कराए गए। इनमें बीते छह माह में 17.82 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए। 6.43 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित कर 67 लाख ग्रामीण परिवारों को उनसे जोड़ा गया। प्रदेश में 58 हजार बीसी सखी चयनित की गईं, जिनमें 48 हजार बीसी सखी क्रियाशील हैं। सरकार ने 82,520 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फंड व कम्युनिटी इंवेस्टमेंट सपोर्ट फंड के रूप में 400 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।

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