पेंडुलम विवाद पर बोले अखिलेश यादव, 'चाचा पेंडुलम नहीं है, वे सीएम को ऐसा झुलाएंगे कि...'

पेंडुलम विवाद पर बोले अखिलेश यादव, 'चाचा पेंडुलम नहीं है, वे सीएम को ऐसा झुलाएंगे कि...'

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिवपाल यादव की स्थिति को पेंडुलम जैसा बताया था। तो वहीं, अब अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर पलटवार करते हुए कहा,'चाचा पेंडुलम नहीं है, वो सीएम को ऐसा झूला झुलाएंगे कि उन्हें पता नहीं चलेगा कहां चले गए।




प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 नवंबर को मैनपुरी के करहल में जनसभा को संबोधित करते हुए शिवपाल सिंह यादव पर तंज करते हुए कहा था कि उनकी स्थिति पेंडुलम जैसी हो चुकी हैं। चाचा शिवपाल को पेंडुलम बताए जाने पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी पलटवार किया है। अखिलेश ने कहा, 'चाचा पेंडुलम नहीं है, वे मुख्यमंत्री को ऐसा झूला झुलाएंगे कि उन्हें पता नहीं चलेगा कहां चले गए।'


बता दें, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को मैनपुर के करहल स्थित नरसिंह इंटर कॉलेज में एक जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने मंच से बोलते हुए कहा था कि शिवपाल यादव की स्थिति पेंडुलम के जैसी हो चुकी है। पेंडुलम का कोई लक्ष्य नहीं होता। चाचा को बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिलती। उन्हें कुर्सी के हत्थे पर बैठाया जाता है। बेचारे चाचा को फुटबॉल बना दिया है। इस दौरान सीएम योगी ने अखिलेश पर जमकर हमला बोला।


तो वहीं, अब चाचा को पेंडुलम बताए जाने पर अखिलेश यादव ने भी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पलटवार किया है। अखिलेश यादव ने बोलते हुए कहा, 'हमारे मुख्यमंत्री कह कर गए है कि चाचा पेंडुलम है। लेकिन हमारे सीएम को यह पता ही नहीं है कि वो पेंडुलम नहीं है। वो हमारे सीएम को ऐसा झूला झुलाएंगे कि उन्हें पता नहीं चलेगा कहां चले गए वो।' अखिलेश ने कहा कि झूले की तरह ही तो पेंडुलम चलता है। वो अभी तक चाचा को समझ ही नहीं पाए। यह बीजेपी वालों के चक्कर में मत पड़ना यह बहुत ही झूठे लोग है।


इससे पहले चाचा शिवपाल की सुरक्षा घटनाए जाने पर भतीजे अखिलेश यादव का बयाने भी सामने आया था। अखिलेश यादव ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, 'माननीय शिवपाल सिंह यादव जी की सुरक्षा श्रेणी को कम करना आपत्तिजनक है। साथ ही ये भी कहना है कि पेंडुलम समय के गतिमान होने का प्रतीक है और वो सबके समय को बदलने का संकेत भी देता है और ये भी कहता है कि ऐसा कुछ भी स्थिर नहीं है जिस पर अहंकार किया जाए।

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