भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता चिगुरुपति बाबू राव ने शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण के गाने बेशरम रंग देखकर कहा है कि पठान' देखने से अच्छा है कि किसी भूखे को खाना खिला दो।
बॉलीवुड एक्टर ( Bollywood) एक्टर शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की अपकमिंग पठान फिल्म के एक गाने ने रिलीज होते ही सनसनी मचा दी है। जहां इस गाने में दीपिका और शाहरुख खान के बोल्ड सीन को दर्शक पसंद कर रहे हैं वहीं कई नेता इस गाने के देखकर आगबबूला हो गए हैं। वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता चिगुरुपति बाबू राव ने गुरुवार को बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के नए रिलीज 'बेशरम रंग' गाने पर पर चुटकी ली। सीपीएम नेता ने कहा 'पठान' देखने से अच्छा है कि किसी भूखे को खाना खिला दिया जाए।
बता दें नेता ने बाबू राव ने पठान फिल्म के 'बेशरम रंग' गाने की निंदा करते हुए कहा 'पठान देखने के लिए पैसे देने से बेहतर है कि किसी भूखे को खाना खिला दिया जाए।' हालांकि विडंबना यह है कि गाने में दिखाई गई अभिनेताओं की केमिस्ट्री के लिए भी दोनों की जोड़ी को जनता द्वारा सराहा गया है।
मध्य प्रदेश के इंदौर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक, रमेश मेंदोला ने भी बॉलीवुड अभिनेताओं को सिनेमाघरों में पठान फिल्म न देखने की सलाह दी। उन्होंने लोगों से 'पठान' का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया और जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले खान पर कटाक्ष किया।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी बुधवार को गाने में दीपिका की ड्रेस को "आपत्तिजनक" बताया था। उन्होंने ट्विटर पर अपना एक वीडियो साझा शेयर किया था और व्यक्त किया था कि उन्हें यकीन नहीं था कि फिल्म को मध्य प्रदेश में रिलीज करने की अनुमति दी जाएगी। पहली नज़र में गाने की वेशभूषा आपत्तिजनक है। साफ दिख रहा है कि फिल्म 'पठान' के गाने को गंदी मानसिकता के साथ शूट किया गया है। भाजपा नेता ने कहा मुझे नहीं लगता कि यह सही है, और मैं फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं को इसे ठीक करने के लिए कहूंगा।'
इससे पहले भी दीपिका पादुकोण जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) में 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के सपोर्ट में आई थीं और इसी वजह से उनकी मानसिकता पहले भी सबके सामने आ चुकी है और इसलिए मेरा माननाहै कि इस गीत का नाम 'बेशरम रंग' भी अपने आप में आपत्तिजनक है और जिस तरह से केसरिया और हरे रंग को पहना गया है, गाने के रंग, बोल और फिल्म का शीर्षक शांत नहीं है। इसमें सुधार की आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम इस बात पर विचार करेंगे कि मध्य प्रदेश में इसके प्रसारण की अनुमति दी जाए या नहीं। अब देखते हैं, अब तक जितने भी पूछे गए हैं, उनमें से सभी में सुधार हुआ है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम इस पर विचार करेंगे।'
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