ऋषभ पंत ने कहा- बस, बच गया मैं तो..., पढ़ें रुड़की में हुए इस कार हादसे की पूरी कहानी

ऋषभ पंत ने कहा- बस, बच गया मैं तो..., पढ़ें रुड़की में हुए इस कार हादसे की पूरी कहानी

हादसे के बाद आखिर हुआ क्या, पंत किस तरह बाहर निकले और इसके बाद अस्पताल में क्या हुआ... इन सब पहलुओं पर अलग-अलग बातें सामने आईं हैं।






जगह- रुड़की में नारसन चौकी के पास का इलाका। वक्त- शुक्रवार सुबह पांच बजकर 21 मिनट। यहां एक कार तेजी से आती है और डिवाइडर को तोड़कर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। तुरंत ही उसमें से आग की लपटें निकलने लगती हैं। जब खबर सामने आती है तो पता चलता है कि इस कार को टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी ऋषभ पंत चला रहे थे। पंत के साथ हुए इस हादसे की जैसे ही खबरें सामने आईं, कई तरह के कयास लगाए जाने लगे।


मां से मिलने रुड़की जा रहे पंत की मर्सिडीज कार तेज रफ्तार में थी। वह पहले डिवाइडर से टकराई। इसके बाद डिवाइडर के लोहे की बैरिकेडिंग के ऊपर से स्किड करती हुई बाएं से दाहिनी तरफ पहुंच गई। दाहिनी तरफ की लेन को पार करते हुए सड़क के दूसरी ओर किनारे पर लगे फुटपाथ से जाकर टकरा गई।


पुलिस ने बताया कि ऐसे हादसों में तुरंत आग लग जाती है। पंत की कार के साथ भी ऐसा ही हुआ। चमत्कार ही है कि वे जीवित बच गए। कार जैसे ही सड़क के दूसरी ओर जाकर रुकी, कुछ ही सेकंड में उसमें आग लग गई।


सीसीटीवी में देखा जा सकता है कि किसी और व्यक्ति के पंत को बाहर निकालने और वहां जाने की गुंजाइश ही नहीं है। यह कुछ ही सेकंड का मामला था तो पंत खुद ही बाहर आए होंगे। लपटें इतनी तेज थीं कि उनके बीच किसी और व्यक्ति का वहां जाकर और कार के अंदर घुसकर पंत को बाहर निकलना मुश्किल है।


पुलिस ने इस मामले में पूरी तत्परता दिखाई। चूंकि पंत राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी हैं, इसलिए पूरे पुलिस महकमे को तुरंत अलर्ट कर दिया गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने और परिवार से किसी भी तरह संपर्क साधने के निर्देश दिए गए। हादसे के बाद अस्पताल जाते वक्त पंत ने उनकी मां का नंबर दिया। वे चाहते थे कि मां उनके पास जल्द से जल्द पहुंचें, लेकिन वह नंबर स्विच ऑफ था। रुड़की में सिविल लाइन थाने को पुलिस ने सूचित किया। वहां से चेतक पुलिस को भेजा गया। सुबह सवा छह बजे पुलिस उनके घर पर पहुंच गई। काफी देर बाद दरवाजा खुला। पुलिस ने उनकी मां को जगाया। ड्राइवर से संपर्क नहीं हो पा रहा था तो थाने की गाड़ी से ही उनकी मां को रुड़की के अस्पताल लाया गया। पंत की मां से पुलिस के अफसर लगातार फोन पर बात कर रहे थे। पंत को ठंड लग रही थी तो उनकी मां से कहा गया कि वे कपड़े भी ले आएं। उनकी मां कार्डिगन लेकर आईं जो आगे से खुला हो ताकि इलाज में दिक्कत न आए।


हादसे के बाद पंत की प्रतिक्रिया क्या थी?

पंत को अस्पताल में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज निकालकर कार के विजुअल दिखाए। इस पर पंत ने कहा- बस, बच गया मैं तो। पंत ने यह भी कहा कि वे मां को सरप्राइज देने जा रहे थे। अस्पताल आने के बाद जब उनकी मां को यह बताया गया तो उन्होंने भी कहा- हां, ऋषभ ऐसे ही करता है। मुझे सरप्राइज देते रहता है।


अस्पताल में क्या हुआ?

ऋषभ पूरी तरह होश में थे। पुलिस से लेकर डॉक्टरों तक, सभी से वे ठीक से बात कर रहे थे। अस्प्ताल में उनका एक्सरे हुआ। उन्हें लग रहा था कि पैर टूट गया है। माथे पर भी चोट थी। तुरंत ऑर्थोपेडिक डॉक्टर को बुलाया गया। उन्होंने कहा कि हड्डी नहीं टूटी है, मांसपेशियों और लिगामेंट की चोट है।



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