अम्बेडकरनगर। प्रदेश में जहां एक तरफ सीएम योगी ने 15 अप्रैल तक अभियान चलाकर कर अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया है, वहीं अम्बेडकरनगर में उन्हीं की पार्टी के एक नेता बंजर और रास्ते की जमीन पर अतिक्रमण कर दीवार बनाने वाले दबंग की ढाल बनकर खड़े हो गए हैं। रविवार को अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम इन्हीं भाजपा नेता के दखल के कारण बिना अतिक्रमण हटाए बैरंग लौट आई।
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि भाजपा नेता खुद वहां पहुंच गए और अधिकारियों पर दबाव बनाकर वापस भेज दिया। मामला जिले के जलालपुर तहसील क्षेत्र के दत्तापुर गांव का है, जहां की निवासी फूलमती ने डीएम को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि सरकारी भूमि पर बने रास्ते को सरिता पत्नी सुरेश कुमार ने दीवार खड़ा करके बन्द कर दिया है। इस पर तत्कालीन जिलाधिकारी सैमुअल पाल एन ने जांच कराई और आरोप सही पाया गया। इसके बाद उन्होंने दीवार गिराकर रास्ते की भूमि को खाली कराने का आदेश जारी किया था।
उस समय अतिक्रमणकर्ता ने न्यायालय से स्टे होने का हवाला देकर मामला दबा दिया, जिसमें भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके बाद में पीड़ित ने जब फिर पैरवी की तो तहसीलदार ने शासकीय अधिवक्ता से विधिक राय ली तो उन्होंने बताया कि उस सरकारी जमीन को खाली कराने में कोई अड़चन नही है। मामले में पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई, जिस पर एक बार फिर अतिक्रमण हटाने का निर्देश हुआ। इस पर बीते रविवार को एक बार फिर अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासनिक टीम बुलडोजर लेकर पहुंची, लेकिन एक बार फिर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामप्रकाश यादव अतिक्रमण कर्ता का कवच बनकर खड़े हो गए।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के आगे प्रशासनिक टीम नतमस्तक हो गई और बिना अवैध अतिक्रमण हटाए वापस लौट आई। अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई पूरी बातचीत का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें पूर्व जिला अध्यक्ष पुलिस कर्मियों से कहते नजर आ रहे हैं कि शहर में सिर्फ यही एक अतिक्रमण थोड़ी है, कई जगहों पर अतिक्रमण है, जाइए पहले उन्हें खाली कराकर आइए। इसके बाद टीम वापस लौट गई। उस अवैध अतिक्रमण के कारण कई लोगों का रास्ता बंद है, जिसकी पुष्टि लेखपाल से लेकर अन्य अधिकारियों ने अपनी जांच में की है।
