समर सिंह ने पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह बीते 25 और 26 मार्च को गोरखपुर में शूटिंग कर रहा था। गोरखपुर में ही उसे आकांक्षा की आत्महत्या की जानकारी मिली। 26 मार्च की रात वह लखनऊ गया था। 27 मार्च को आकांक्षा की मां मधु दुबे के आरोपों और खुद पर दर्ज मुकदमे की जानकारी उसे मिली तो वह घबरा गया।
फिल्म शूटिंग के लिए वाराणसी आईं अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की आत्महत्या के मामले में समर सिंह व उसका दोस्त संजय सिंह नामजद है। समर 10 दिन से पुलिस से आंख मिचौली खेल रहा था, लेकिन गुरूवार की देर रात वह पुलिस के चंगुल में फंस गया। वह गाजियाबाद में अपने जिस परिचित के फ्लैट में ठहरने के लिए पहुंचा था, वहां कमिश्नरेट की पुलिस को देखकर सन्न रह गया। पुलिस ने गिरफ्तारी की बात कही तो वह रोने लगा। उसने पुलिस से गुहार लगाई और कहा कि आकांक्षा दुबे ने न कोई सुसाइड नोट नहीं लिखा था। ना आत्महत्या से पहले उस पर कोई आरोप लगाया, फिर भला उसे कसूरवार क्यों ठहराया जा रहा है? इसलिए उसे छोड़ दिया जाए।
समर सिंह ने पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह बीते 25 और 26 मार्च को गोरखपुर में शूटिंग कर रहा था। गोरखपुर में ही उसे आकांक्षा की आत्महत्या की जानकारी मिली। 26 मार्च की रात वह लखनऊ गया था। 27 मार्च को आकांक्षा की मां मधु दुबे के आरोपों और खुद पर दर्ज मुकदमे की जानकारी उसे मिली तो वह घबरा गया। एक बार लगा कि वह अपना पक्ष पुलिस के सामने रखे, लेकिन मधु दुबे के आरोपों की वजह से वह हिम्मत नहीं जुटा सका। इसके बाद अपना वाहन लखनऊ में ही छोड़ कर सड़क मार्ग से अपने दोस्त संजय सिंह के साथ गाजियाबाद चला गया। गाजियाबाद के साथ ही दिल्ली, नोएडा और देहरादून में अपने खास करीबियों के यहां ठिकाने बदल-बदल कर रहा।
समर इस कोशिश में था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से उसकी गिरफ्तारी पर स्टे मिल जाए। इसके लिए उसके अधिवक्ताओं ने कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी थी। बृहस्पतिवार को वह देहरादून से गाजियाबाद आया था और शुक्रवार को उसे लौटना था। हालांकि, इससे पहले ही वह पकड़ा गया।
पुलिस की पूछताछ में समर ने बताया कि उसके ऑफिस लखनऊ और मुंबई में हैं। रुपये के लेनदेन और उसके प्रमोशन से संबंधित कामकाज दोस्त संजय सिंह देखता है। उसे पता था कि मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस उसकी तलाश में आजमगढ़ के मेंहनगर स्थित घर जाएगी। फिर, लखनऊ और मुंबई स्थित उसके ठिकानों पर छापा मारेगी। इसलिए जानबूझकर मुंबई नहीं गया और लखनऊ भी छोड़ दिया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद समर घबरा गया था। उसने पुलिस को जो जानकारी दी, उसके मुताबिक, 27 मार्च को अपने सभी मोबाइल फोन बंद कर दिए थे। जरूरत पड़ने पर व्हाट्सएप कॉल से खास लोगों से बात करता था। इधर, आकांक्षा दुबे की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा था। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कमिश्नरेट की पुलिस की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई थी। उन्होंने हर हाल में समर की गिरफ्तारी जल्द सुनिश्चित करने का निर्देश पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन को दिए थे।
पुलिस सर्विलांस की मदद से उन लोगों के मोबाइल नंबर की जानकारी ले रही थी, जो 26 और 27 मार्च को लगातार समर सिंह के संपर्क में थे। समर के करीबियों के मोबाइल की मदद से ही उसकी लोकेशन के बारे में सटीक जानकारी मिली। अब समर के मोबाइल को फॉरेंसिक लैब में भेज कर जांच कराई जाएगी। देखा जाएगा कि आकांक्षा से संबंधित कोई महत्वपूर्ण डेटा या चैट उसने डिलीट तो नहीं कर दिया।
