गोपीगंज-मिर्जापुर तिराहे पर चार अप्रैल 1999 को सूर्यनारायण उर्फ वकील शुक्ल, देवीशंकर दूबे और शेषमणि दूबे की हत्या की गई थी। इस मामले में औराई के पूर्व विधायक उदयभान सिंह उर्फ डॉक्टर सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व एमएलए उदयभान सिंह को वर्ष 2005 के शिवपुर थाने के गैंगस्टर मामले में 10 वर्ष की कड़ी कैद और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन का पक्ष एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने रखा।
गोपीगंज-मिर्जापुर तिराहे पर चार अप्रैल 1999 को सूर्यनारायण उर्फ वकील शुक्ल, देवीशंकर दूबे और शेषमणि दूबे की हत्या की गई थी। इस मामले में औराई के पूर्व विधायक उदयभान सिंह उर्फ डॉक्टर सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के बाद उदयभान फरार हो गया था। वर्ष 2001 में अदालत में हाजिर हाेने के बाद 2002 में जेल से ही औराई विधानसभा सीट से बसपा के सिंबल पर वह चुनाव जीता था। वर्ष 2004 में तिहरे हत्याकांड में जिला जज की अदालत से आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद उदयभान की विधानसभा की सदस्यता चली गई थी।
उदयभान सिंह प्रदेश का पहला ऐसा विधायक था, जिसकी सदस्यता समाप्त हुई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा बरकरार रखी थी। जेल में अच्छे आचरण और खराब स्वास्थ्य के आधार पर उदयभान को लगभग 8 या 12 महीने पहले रिहा करने का आदेश उसकी दया याचिका के आधार पर दिया गया था। रिहाई में एक शर्त थी कि वह भदोही या मिर्जापुर जिले में कभी प्रवेश नहीं करेगा।
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