Ambedkar Nagar News : एसीएमओ डॉ आरएन सिद्धार्थ पर लगा Corruption का गंभीर आरोप

Ambedkar Nagar News : एसीएमओ डॉ आरएन सिद्धार्थ पर लगा Corruption का गंभीर आरोप

  • सोशल मीडिया की सुर्खियों में आजकल एसीएमओ डॉ सिद्धार्थ
  • नौकरी दिलाने के नाम पर धन उगाही का मामला
  • चर्चा के मामले में एसीएमओ डॉ सिद्धार्थ ने डॉ वीरेंद्र झा और डॉ हसीन अहमद को पछाड़ा




- सत्यम सिंह  (7081932004)


अंबेडकरनगर। पूर्ववर्ती/निवर्तमान सीएमओ डॉ श्रीकांत शर्मा के बाद अब फिर से स्वास्थ्य महकमा चर्चा का विषय बनने लगा है। पूर्व और वर्तमान की चर्चाओं में काफी कुछ अंतर भी दिखाई पड़ रहा है। पहले की चर्चाओं में जहां तत्कालीन सीएमओ डॉ श्रीकांत शर्मा पर भ्रष्टाचार का सीधा आरोप लगता था। अब वहीं, डॉ राजकुमार वर्तमान सीएमओ के कार्यकाल में विभाग में एसीएमओ/ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ रामानंद सिद्वार्थ पर भ्रष्टाचार का सीधा आरोप लग रहा है। इस आशय की खबरें सोशल मीडिया पर प्रमुखता से प्रसारित भी हो रही हैं। पिछले दिनों से अपर सीएमओ रामानंद सिद्धार्थ पर कथित भ्रष्टाचार से संबंधित खबरों में कहा गया है कि इन्होंने स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर किसी जरुरतमंद से दो लाख रुपए ले लिए। 


सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबर के अनुसार, पीड़ित ने जब भी इनसे रकम वापस देने की बात कही तो उन्होंने पीड़ित को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दिया। सोशल मीडिया में वायरल एक खबर में कहा गया है कि अकबरपुर निवासी पीड़ित ने उत्तर प्रदेश शासन में प्रमुख सचिव से शिकायत भी की। इसके पूर्व, पीड़ित की शिकायत पर महानिदेशक स्वास्थ्य ने अंबेडकरनगर के सीएमओ को जांच सौंपी थी। अभी तक उक्त प्रकरण में क्या हुआ, क्या पीड़ित को जस्टिस मिल पाएगा,  ऐसा होना तो दूर की बात है। उक्त जांच में एक लंबा समय बीतने को है। ऐसे में सीएमओ पर जांच में हीला-हवाली करने का आरोप भी लग रहा है। 


इस खबर में लगे आरोपों के बाबत जब रेनबोन्यूज ने एसीएमओ/ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आरएन सिद्धार्थ से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि अभी तक शिकायतकर्ता से मेरी मुलाकात तक नहीं हुई है। किसने शिकायत किया है, यह मैं नहीं समझ पा रहा हूं। डॉ सिद्धार्थ ने कहा कि मैं आरोपों का खंडन करता हूं। इस तरह की उनसे संबंधित खबर, जो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, इससे लगे आरोपों को मैं नकारता हूं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस तरह की शिकायत जो लोग किए और कराए हैं। वे वर्तमान सीएमओ के विरोधी हैं। सीएमओ डॉ राजकुमार ऐसे लोगों को नहीं पंसद करते हैं। जो अपने काम के प्रति निष्ठावान न हो। ऐसे तत्व विभाग में कुछ ज्यादा ही बढ़ गए हैं। अब वे लोग भ्रष्टाचार जैसा आरोप लगाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने के साथ-साथ मुझे डिमॉलूराइज/ हतोसाहित करना चाहते हैं।




दूसरी तरफ, बहुसंख्य लोगों का कहना है कि एसीएमओ डॉ रामानंद सिद्धार्थ ही सीएमओ डॉ राजकुमार के सबसे खास और जिम्मेदार अधिकारी हैं। इनके खिलाफ यदि किसी प्रकार की शिकायत हुई है और उसकी जांच सीएमओ को मिली है, तो समझा जा सकता है कि किस तरह की जांच रिपोर्ट सीएमओ द्वारा शासन को भेजी जाएगी। 


निवर्तमान/सेवानिवृत्त सीएमओ डॉ श्रीकांत शर्मा के कार्यकाल में विभाग में दो एसीएमओ सर्वाधिक चर्चित थे। इनके बारे में बताया जाता है कि एक गोरखपुर के बड़हलगंज और दूसरे एसीएमओ देवरिया में रहकर अपना स्वंय का निजी अस्पताल संचालित कर रहे हैं। सैलरी इस जिले के स्वास्थ्य महकमे से उठाते हैं। हस्ताक्षर करने के लिए ही यहां आते हैं। 


डॉ वीरेंद्र झा देवरिया में एनेस्थीसिया की धुआंधार प्रैक्टिस करके अकूट कमाई करते हुए बताए गए हैं। अंबेडकरनगर स्वास्थ्य महकमे में डॉ वीरेंद्र झा एसीएमओ को एक साल पहले ही यहां ज्वॉइन कराया गया था। ये सैलरी पूरी लिए। जिलाधिकारी को एसीएमओ डॉ झा की ज्वाइनिंग बताने में झूठ का सहारा लिया गया था। जिले के सभी चार एसीएमओ 2021 से यहां तैनात हैं। डॉ वीरेंद्र झा एसीएमओ, डॉ पासवान के तबादला उपरांत उनकी जगह पर नियुक्त किए गए थे। जबकि सब जिम्मेदारों को अंधेरे में रखकर इनको एक साल पहले से ही सैलरी लेना बताया गया। इस कार्य में तत्कालीन सीएमओ डॉ श्रीकांत शर्मा, एसीएमओ डॉ वीरेंद्र झा, डॉ हसीन अहमद एसीएमओ और इस जिले के स्थानांतरित बाह्य जनपद में एक विभागीय वरिष्ठ सहायक का गठजोड़ चर्चा में रहा। इस गठजोड़ के सभी सदस्यों ने अकूट कमाई की। 


जिले के स्वास्थ्य विभाग की खबरें कुछ ज्यादा ही चर्चित होने लगी हैं। जिसमें अब डॉ आरएन सिद्धार्थ एसीएमओ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, डॉ रामानंद सिद्धार्थ एसीएमओ की चर्चा के आगे अब बड़हलगंज और देवरिया में अपना निजी अस्पताल संचालित करने वाले डॉ वीरेंद्र झा तथा डॉ हसीन अहमद (दोनों एसीएमओ) की चर्चा ही मद्धिम पड़ गई है। उस समय कहा जाता था कि ये दोनो एसीएमओ तत्कालीन सीएमओ के हर अच्छे-बुरे काम में शामिल होकर उनका साथ देते थे। यही कारण था कि डॉ श्रीकांत शर्मा ने उन दोनों को पूरी छूट दे रखी थी। 


इस समय अकबरपुर निवासी एक व्यक्ति से नौकरी के नाम पर दो लाख की उगाही करने का आरोप चर्चा का विषय बना हुआ है। एसीएमओ/जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आरएन सिद्धार्थ पर लगा यह आरोप क्या जांच में प्रमाणित हो पाएगा। जबकि वायरल होने वाली इस खबर पर अपनी टिप्पणी देते हुए डॉ सिद्धार्थ ने इस खबर को फर्जी, निराधार और साजिशन छवि धूमिल करने वाली कहा। उन्हें और विभाग के सीएमओ के विरुद्ध साजिशकर्ताओं का यह षड्यंत्र है। इस प्रकरण में शिकायतकर्ता न तो उनसे कभी मिला है और न ही वे उसको जानते है। 


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