नौनिहालों की सेहत के लिए स्कूल समय में परिवर्तन की आवश्यकता

नौनिहालों की सेहत के लिए स्कूल समय में परिवर्तन की आवश्यकता


स्कूल समय में परिवर्तन (सुबह 7 बजे से 11 बजे तक) किये जाने की मांग

अम्बेडकरनगर। इस समय मौसम का पारा 40 डिग्री के आस-पास पहुंचने लगा है। दिन भर चलने वाली गर्म हवाओं (लू) और तेज धूप से लोग दिन में घर  से निकलने में कतराने लगे हैं। ऐसे में नन्हें-मुन्ने बच्चों को चिलचिलाती धूप में स्कूल आना-जाना पड़ रहा है। हालांकि स्कूल के समय में कुछ परिवर्तन तो किया गया है, किन्तु यह नाकाफी है। इस भयंकर गर्मी में अभी भी सुबह 8 बजे से 1 बजे तक कक्षाएँ चलाई जा रही है। इससे छोटे बच्चों को लू और भयंकर गर्मी में स्कूल आने-जाने को विवश होना पड़ रहा है। 

मालूम हो कि मार्च महीने के शुरूआत से ही गर्मी का पारा बढ़ना शुरू हुआ जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस समय पुरवा हवाओं के चलने से चिपचिपाहट भरी गर्मी पड़ रही है। दिन भर चलने वाली गर्म हवाओं से जन जीवन के साथ-साथ पशु-पक्षी सभी बेहाल होकर रह गये हैं। भयंकर गर्मी पड़ने से नदी व तालाब सूखने लगे हैं। मवेशियों व पशु-पक्षियों के सामने पेयजल की संकट उत्पन्न होने लगी है। जलस्तर नीचे जाने से हैण्डपम्पों ने भी जवाब देना शुरू कर दिया है। लोग दिन में घरों से बाहर निकलने में कतराने लगे हैं। नौकरी पेशा लोगों के अलावा वही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं जिन्हें बहुत ज्यादा आवश्यक कार्य निपटाना है। 

इस गर्मी में नन्हें-मुन्नों को पसीने-पसीने होते हुए स्कूल जाना पड़ रहा है। ऐसे में उनके अभिभावक अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिन्तित होने लगे हैं। अभिभावकों को चिन्ता हो रही है कि कहीं लू और गर्मी में बच्चे स्कूल आने-जाने से बीमार न पड़ जायें। वहीं शिक्षा महकमा इस तरफ से एकदम संवेदनहीन बना हुआ है। अभिभावकों द्वारा लगातार मांगे की जा रही है कि स्कूलों का समय परिवर्तित किया जाये लेकिन इस तरफ न तो विद्यालय प्रशासन ही ध्यान दे रहा है और न ही शिक्षा विभाग। अस्पतालों में इस समय डायरिया, लू, वायरल फीवर आदि संक्रामक बीमारियों की चपेट में आकर इलाज कराने आने वाले मरीजों/बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। 

कई अभिभावकों ने कहा कि निजी विद्यालयों ने नये शिक्षा सत्र की शुरूआत के नाम धन कमाई करने के चक्कर में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। बच्चों का नया एडमिशन, डेªस, कॉपी-किताब के नाम पर अभिभावकों के बटुए का वजन कम किया जा रहा है। साथ ही चिलचिलाती गर्मी में छोटे बच्चों की कक्षाएं चलाकर उनके सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नौनिहालों के अभिभावकों ने मांग की है कि बच्चों की 8 से 1 बजे तक संचालित हो रही कक्षाओं का समय परिवर्तन कर सुबह 7 बजे से 11 बजे तक कक्षाएं चलाई जायें। जिससे बच्चे लू-गर्मी से बचते हुए स्कूल आ-जा सकें, और स्वस्थ्य रहकर शिक्षा ग्रहण कर सकें। 

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