अम्बेडकरनगर। ग्रामीणों को आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र से लेकर खसरा-खतौनी निकालने जैसे कार्यों के लिए तहसीलों का चक्कर न लगाना पड़े, साथ ही उन्हें जन्म व मृत्यु का पंजीकरण कराने के लिए भी परेशान न होना पड़े, इसके लिए प्रत्येक गांव में ग्राम सचिवालयों की स्थापना की गई है। पंचायत भवनों को डिजिटल कर यह सुविधा दिए जाने की योजना संचालित है।
शासन ने जहां पंचायत भवनों के निर्माण को लेकर राज्य व वित्त आयोग की धनराशि से पैसा खर्च करने की खुली छूट दी है तो सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक की नियुक्ति भी की जा चुकी है। उसके बाद भी स्थिति यह है कि अभी तक अधिकांश ग्राम पंचायत में पंचायत भवन को डिजिटल नहीं किया जा सका है। ये सचिवालय शासन की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। इस कारण लोगों को सरकारी कामकाज के लिए विकास खंड व तहसील कार्यालयों सहित अन्य विभागों में चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सचिवालय बनाने का क्या फायदा जब यहां सुविधाएं ही नहीं मिल पा रही।
इस सम्बन्ध में जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में लगभग 50 प्रतिशत ग्राम सचिवालय शुरू होकर अपना कार्य कर रहे हैं। बजट के अभाव में कुछ जगहों पर जरूरी उपकरण, कंप्यूटर आदि नहीं लगाये जा सके हैं। बजट प्राप्त होते ही प्राथमिकता के आधार पर बचे हुए ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों का संचालन शुरू कर दिया जायेगा और उसमें आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि की व्यवस्था कर दी जायेगी।
