20 किलोमीटर का सफर तय कर जिला अस्पताल इलाज के लिए जाने को मजबूर ग्रामीण
अम्बेडकरनगर। करीब 50 हजार से अधिक आबादी को इलाज के लिए करीब 20 किमी का सफर तय करना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए है कि नजदीक में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की तैनाती नहीं है। अकबरपुर तहसील इलाके के बेवाना में बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विशेषज्ञ डॉक्टर और अन्य स्टाफ की कमी से जूझ रहा है, जिससे मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल जाना पड़ रहा है।
बेवाना इलाके के कुरचा, आहेथिया सहित करीब 50 से अधिक गांव के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले, इसके लिए बेवाना प्राथमिक स्वास्थ केंद्र को उच्चीकरण करके नवीन सामुदायिक स्वास्थ केंद्र बनाया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के बाद आसपास के लोगों को बेहतर सुविधा पाने की आस जगी, लेकिन अस्पताल के निर्माण के बाद इसका उद्घाटन भी हो गया, लेकिन यहां अभी डॉक्टर और अन्य स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो सकी। ऐसे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जो स्टाफ थे, वही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवाना का निर्माण हो गया, लेकिन अभी भी संचालन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर के स्टाफ के जरिए हो रहा है। सीएचसी भवन के हस्तगत होने के पहले ही सीएचसी के मानक के अनुसार पदों का सृजन भी हो गया, लेकिन अभी भी अस्पताल का संचालन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मानक के अनुसार ही हो रहा है।बेवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मौके पर 2 चिकित्साधिकारी, 2 फार्मासिस्ट, एक एलए, 3 स्टाफ नर्स, एक चौकीदार, एक वार्ड बॉय और एक सीएचओ समेत कुल 12 स्टाफ की ही तैनाती है।
सीएचसी बेवाना के लिए 14 पद सृजित किया गया है। 14 में 5 पद चिकित्सक संवर्ग के और 9 पद पैरामेडिकल संवर्ग के सृजित हैं। इनमें चिकित्साधिकारी फिजीशियन, चिकित्साधिकारी शल्यक, चिकित्साधिकारी स्त्री रोग, चिकित्साधिकारी एनेस्थेटिस्ट, चिकित्साधिकारी रेडियोलॉजिस्ट, एक्स-रे टेक्नीशियन, डेंटल हाईजनिस्ट, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, वरिष्ठ सहायक और डार्करूम सहायक के एक-एक और स्टाफ नर्स के तीन-तीन पद शामिल हैं।
बेवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर और अन्य स्टाफ की नियुक्ति होने जाने के बाद बेवाना और आसपास के इलाकों के करीब 50 हजार से अधिक लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें अपने ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज मिल जाएगा। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती होने से मरीजों को 20 किमी दूर नहीं जाना होगा।
