अंबेडकरनगर : दरगाह किछौछा में खुलेआम हो रहा जुआ, अड्डो पर की जाती है जायरीनों से लूट

अंबेडकरनगर : दरगाह किछौछा में खुलेआम हो रहा जुआ, अड्डो पर की जाती है जायरीनों से लूट

अम्बेडकरनगर। विश्व विख्यात आध्यात्मिक केंद्र दरगाह किछौछा खुलेआम कई स्थानों पर जुआ का अड्डा चलाया जा रहा है जहां दर्जनों दबंगों के सहारे जायरीनों से जबरन लूट की जाती है जिसके कारण कई बार मारपीट की भी नौबत आ जाती है। जुआ अड्डा संचालित होने से स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है जो कभी भी फूट सकता है।

बताते चलें कि बसखारी थानाक्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह किछौछा में प्रतिदिन जायरीनों का आना जाना लगा रहता है। दरगाह में विशेष रूप से जायरीनों की भीड़ इस्लामिक माह के प्रत्येक प्रथम गुरुवार (नौचन्दी) पर जायरीनों की काफी भीड़ उमड़ती है। भारी भीड़ का फायदा उठा कर दरगाह के लगभग आधा दर्जन स्थानों पर दर्जनों सहायकों के सहारे कलर स्टाइगर गेम के नाम पर जमकर जुआ का संचालन किया जाता है। उक्त जुआ में एक युवक द्वारा एक कलर के तीन स्टाइगर को एक दूसरे के ऊपर से चलते हुए रखा जाता है जिसमें से एक स्टाइगर के नीचे लाल रंग लगा होता है जिसको पहचान करने वाले को लगाइए रकम का दो से 10 गुना तक दिया जाता है। उक्त जुआ की तरफ आकर्षित करने के लिए जुआ गैंग के दर्जनों लोग आसपास खड़े रहकर स्वयं को बड़ी असानई से जीतता हुआ दिखाते हैं जिसके झांसे में फंस कर आम लोग भी अपना सब कुछ बर्बाद कर देते हैं।

धार्मिक स्थल पर खुलेआम जुआ अड्डा संचालित होने से बाहरी श्रद्धालुओं में दरगाह किछौछा की क्षवि धूमिल हो रही है और जुआ अड्डों के पास बाहरी जायरीनों को किसी भी कीमत पर जीत कर नहीं जाने दिया जाता है और इसी कारण अक्सर मारपीट की नौबत आ जाती है जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। जुआ अड्डा संचालन की प्रत्येक गतिविधियों से बसखारी थानाध्यक्ष सहित पूरा स्टाफ अनभिज्ञ नहीं है। समाचार प्रकाशनों के बाद उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप पर पुलिस द्वारा जुआ अड्डों को दो चार दिन बंद करा दिया जाता है और मामला थोड़ा ठंडा होने के बाद पुनः खुलेआम अड्डों का संचालन शुरू किया जाता है।

धार्मिक नगरी दरगाह किछौछा की कई सड़कों पर खुलेआम जुआ अड्डों के संचालन की वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है तथा उक्त अड्डों को बंद कराने के लिए स्थानीय संभ्रांत नागरिकों द्वारा कई चक्र में एसओ बसखारी को अवगत कराया जा चुका है लेकिन जुआ के माध्यम से जायरीनों से होनी वाली खुली लूट की मलाई में हिस्सेदारी के कारण सब तमाशबीन बने हुए हैं। चर्चा है कि दरगाह परिक्षेत्र में जुआ का संचालन शीघ्र बंद नहीं कराया गया तो कभी भी स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट सकता है जिससे शांति व्यवस्था में व्यवधान भी उत्पन्न हो सकता है।

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