जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पुराने ड्रेस में ही जा रहे स्कूल

जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पुराने ड्रेस में ही जा रहे स्कूल

अम्बेडकरनगर।  परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले एक लाख से ज्यादा बच्चों के खाते में अभी जूता, मोजा, ड्रेस और स्टेशनरी के समान खरीदने के लिए पैसे नहीं आए हैं। इससे इन बच्चों के पास न ड्रेस है और न ही जूता-मोजा। इसकी वजह से पुराने ड्रेस पहनकर ये बच्चे स्कूल जाने को मजबूर है।

परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चो को सरकार जूता, मोजा, ड्रेस और स्टेशनरी के लिए 1200 रुपए देती है। ये रुपए सरकार बच्चों के अभिभावक के खाते में डीबीटी के माध्यम से देती है, लेकिन शिक्षा सत्र शुरू होने के 5 माह बाद भी करीब एक लाख चार हजार बच्चों के अभिभावक का बैंक खाता का डेटा सही से फीडिंग न होने के कारण उनके खाते में योजना का पैसा नहीं गया है।

जिले में परिषदीय विद्यालय में करीब दो लाख बीस हजार बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें सरकार इस योजना का लाभ देती है। पंजीकृत बच्चों में करीब 1 लाख 16 हजार बच्चों के अभिभावक के खाते में 1200 रुपए गए हैं और उन बच्चों ने जूता, मोजा, बैग, ड्रेस और स्टेशनरी के समान खरीद लिए, लेकिन एक लाख चार हजार बच्चों को अभी इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया। इससे ये बच्चे अभी पुराने ड्रेस से काम चला रहे हैं। बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बच्चों के अभिभावकों के डेटा फीडिंग में गड़बड़ी के कारण समस्या हुई, जिन्हें ठीक करा कर जल्द उनके खाते में योजना का पैसा जाएगा।

Post a Comment

أحدث أقدم