न्यूयॉर्क टाइम्स ने बुलडोजर को बताया मुस्लिम दमन का प्रतीक..

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बुलडोजर को बताया मुस्लिम दमन का प्रतीक..

न्यू यॉर्क टाइम्स ने इंडिया डे परेड में बुलडोजर शामिल होने के लोकर लिखा है कि सड़क पर मुस्लिमों के दमन के प्रतीक की नुमाइश की गई। न्यू जर्सी में 14 अगस्त को इंडिया डे का आयोजन किया गया था।

भारत को लेकर अमेरिकी अखबार 'द न्यू यॉर्क टाइम्स' अकसर अलग ही अजेंडा चलाता नजर आता है। कई बार बेबुनियाद खबरों की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोल भी होना पड़ता है, बावजूद इसके वह भारत की नीतियों के विरोध में कुछ ना कुछ दावे करता रहता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत के कोरोना से संबंधित जो आंकड़े दिए थे उन्हें सरकार ने सीधा फर्जी करार दे दिया था। अब भारत के स्वतंत्रता दिवस के ठीक पहले न्यू जर्सी में आयोजित की गई 'इंडिया डे परेड' को लेकर भी 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने कुछ ऐसा ही दावा किया है। 

न्यू जर्सी के एडिसन में इंडो-अमेरिकन लोगों ने 14 अगस्त को 'इंडिया डे' परेड का आयोजन किया था जिसमें पीले रंग का एक छोटा 'बुलडोजर' भी दिखाई दे रहा था। इस बुलडोजर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी की तस्वीर लगी थी। योगी आदित्यनाथ की तस्वीर पर लिखा था, बाबा बुलडोजर। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में इस 'बुलडोजर' को लेकर अपनी झल्लाहट जाहिर की है। अखबार ने लिखा कि 'न्यू जर्सी' की सड़क पर भारत के मुस्लिम विरोधी प्रतीक की नुमाइश।'

न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह भी दावा किया है कि न्यू जर्सी के मुस्लिम संगठन ने एडिसन पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज करवाई है। इसके बाद पुलिस व अन्य विभाग के अधिकारियों ने वहां लोगों के साथ बैठक की। अखबार ने बिमल जोशी नाम के शख्स का जिक्र करते हुए  लिखा कि पहले जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक थे  अब उन्हें अपने किए पर पछतावा हो रहा है। इसमें यह भी लिखा गया कि अब जोशी ने माफी मांग ली है लेकिन इसमें काफी देरी की गई। 

न्यूयॉर्क टाइम्स ने परेड के बारे में लिखते हुए कहा कि झांकियों की श्रृंखला के बीच में एक पीले रंग का बुलडोजर आता है जिसपर नरेंद्र मोदी और एक कट्टरवादी व्यक्ति की तस्वीर होती है। इस बुलडोजर पर पीएम मोदी के अलावा योगी की ही तस्वीर लगी थी। हालांकि अखबार ने योगी का नाम नहीं लिखा। इसके बाद अखबार में कहा गया कि वैसे तो लोग इस बुलडोजर को सामान्य समझते हैं लेकिन समझने वाले जानते हैं कि यह किस बात का प्रतीक है। 

परेड का आयोजन करने वाले लोगों का स्पष्ट कहना है कि बुलडोजर को शामिल करने का उद्देश्य केवल कानून व्यवस्था के कड़ाई से पालन को प्रदर्शित करना था। इसके जरिए यह संदेश दिया गया कि भारत में अवैध निर्माण और गैरकानूनी काम करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाती है। वहीं अखबार का कहना है कि अमेरिका में भी अब हेट ग्रुप बढ़ रहे  हैं।

इंडिया डे के मौके पर न्यू जर्सी जनरल असेंबली के स्पीकर क्रैग जे कॉलिन भी पहुंचे थे। उन्होंने कार्यक्रम के बाद अपना अनुभव बताते हुए कहा था कि अमेरिका की तुलना में भारत की आजादी नई है। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र और एकता के माध्यम से ही प्रगति हो सकती है। भारत के लोगों ने न्यू जर्सी की सकारात्मक प्रगति में बड़ा योगदान दिया है।

मार्च के महीने में सेंट्र ड्रेट यूनियन ने भारत बंद का आह्वान किया था। हालांकि यह बंद सफल नहीं रहा था। कुछ जगहों पर इसका मिला जुला असर दिखायी पड़ा था। उस वक्त न्यूयॉर्क टाइम्स ने ऐसी खबर लिखी थी कि उसे सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा। यहां लिखा गया था, 'बड़ी बंदी ने भारत के लोगों को असमंजस में डाल दिया।' इसी तरह कोरोना काल में न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया था कि भारत में कोरोना से 40 लाख मौतें हो गई हैं। इसे नीति आयोग ने सिरे से खारिज किया था और फर्जी रिपोर्ट करार दिया था।

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