स्वामी प्रसाद मौर्य की मंदिर में एंट्री पर लगा बैन, लेटे हनुमान मंदिर के बाहर लगाए गए पोस्टर

स्वामी प्रसाद मौर्य की मंदिर में एंट्री पर लगा बैन, लेटे हनुमान मंदिर के बाहर लगाए गए पोस्टर

लखनऊ में प्राचीन लेटे हनुमान मंदिर के बाहर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं. इनमें स्वामी प्रसाद मौर्य की तस्वीर लगाकर लाल क्रॉस लगाया गया है.







रामचरितमानस पर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक तरफ बीजेपी समेत तमाम हिन्दू संगठन और साधु संतों ने इस पर आपत्ति जताई है तो वहीं दूसरी तरफ खुद सपा  ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया है. इस बीच लखनऊ के लेटे हनुमान मंदिर के बाहर भी स्वामी प्रसाद मौर्य के विरोध में पोस्टर बैनर लगाए गए हैं. इन पोस्टरों में मौर्य की मंदिर में एंट्री को वर्जित कर दिया गया है.


लखनऊ में प्राचीन लेटे हनुमान मंदिर के बाहर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टरों पर स्वामी प्रसाद मौर्य की तस्वीर लगी है और उसे लाल रंग से क्रॉस किया गया है. इस बैनर पर लिखा है कि अधर्मी स्वामी प्रसाद मौर्य का इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है. ये पोस्टर मंदिर के मुख्य द्वार समेत कई जगहों पर लगाया गया है. मंदिर परिसर के अंदर भी ऐसे ही कुछ पोस्टर देखे गए हैं. प्राचीन लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर गोमती नदी के किनारे पर स्थित है. इस मंदिर में बड़ी संख्या में लोग आते हैं.


मंदिर प्रशासन के इस फैसले को लेकर श्रद्धालुओं ने भी खुशी जताई है. यहां आने वाले भक्त और तमाम श्रद्धालु इस फैसले पर मंदिर प्रशासन के साथ हैं. इस पोस्टर को लेकर लेटे हनुमान जी मंदिर के कोषाध्यक्ष और गुलाला शमशान घाट के महामंत्री रिद्धि गौर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य की सिर्फ इस मंदिर में एंट्री पर ही रोक नहीं लगाई गई है बल्कि वो कभी गुलाला घाट पर उनका अंतिम संस्कार भी नहीं होने देंगे. आपको बता दें कि ये वही घाट है जहां पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन का अंतिम संस्कार हुआ था. 


दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को हटाने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि तुलसीदास ने इसे अपनी खुशी के लिए लिखा है. इसकी कुछ पंक्तियों में कुछ जातियों का उल्लेख है जो उन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं. इसलिए इन्हें रामचरितमानस से हटा देना चाहिए. मौर्य के इस बयान का चौतरफा विरोध देखने को मिल रहा है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इससे नाराज बताए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि वो आज इस मामले पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.

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