जंगल में चुनाव result आया!

जंगल में चुनाव result आया!

- रामविलास जांगिड




जंगल में चुनाव हो गए और सभी नेता मेंढ़कों ने कहा कि हमें तोला जाए। हम तुलने के लिए तैयार हैं। हम बिकने के लिए तैयार हैं। हम गुट-गुट के होकर गुट-गुटा रहे हैं। तालाब की कीचड़-काची में हमारा भी कोई मोल बोला जाए। तालाब की सियासत में मोल-भाव का रंग घोला जाए। शीघ्र ही अपने-अपने स्वार्थ की अपने-अपने ढंग की तरह जुलाई गई। कुर्सी मोल के बोल, सियासी तालाब के पट खोल। मेंढ़कों ने तरह-तरह के सुर में टर्राना शुरू किया। सांपों ने मीडिया में अपने बयान जारी करने शुरू कर दिए। केकड़ों ने अलग से अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की। सरकारी तालाब का कीचड़ देखते ही देखते रिसोर्टों होटलों से होते हुए तमाम मीडिया तक पसर गया। अपने-अपने गुटों के अपने-अपने चैनल खरखराने लगे। चॉपर हेलीकॉप्टर हवाओं में मंडराने लगे।


अपने-अपने तराजू, अपने-अपने तोलक। मेंढ़कों को तराजू में तोलना, मेंढ़कों का बोलना। मेंढ़क छाप असली नेताओं की यह कस्तानी जगजाहिर है! मेंढ़कों के तोलने में अलादीन के चिराग ने धुआं बन फिर से चिराग में घुसने की होशियारी दिखाई थी। दो बिल्लियों की लड़ाई में तौलक महाराज बंदर का किस्सा सुनकर हातिमताई ने हुस्नबानों से तलाक ले लिया था। इसी तुलाई कार्यक्रम के कारण सिंदबाद जहाजी ने अपनी यात्रा को त्यागपत्र दे दिया था। इस पलड़े से उस पलड़े, इस रिसोर्ट से उस होटल! हेलीकॉप्टर चॉपर में मंडराते रहे मेंढ़क! टर्राने का मामला भी जगजाहिर है! वे इंस्टाग्राम पर इतने टर्राये कि फेसबुक खुद ही बहरा हो गया। मेंढ़क इतराते, मुस्कुराते बड़ी अदा से अपनी बोलियां लगवा रहे हैं। जहां राजा महाराजा भी बिकने को उतावले हो जाते हैं, वहां एक छोटे से मेंढ़क की क्या बिसात! मेंढ़क तुल रहे हैं। टर्रा रहे हैं। बिक रहे हैं। इस तालाब से उस तालाब तक। सियासी तालाब के कीचड़ में छप-छपा रहे हैं। छप-छप छई!


मेंढ़कों के बीच मार माथा-फोड़ी चल रही है। एक गैंग ने दूसरे गैंगीय मेंढ़कों के पीछे खड़े होकर तीसरे मेंढ़क गैंग को ललकारा। यहां चौथा गैंग सरकारी तालाब में असरकारी ढंग से कुलांचे मार रहा है। इसी समय मेंढ़कों का 10 वां गैंग दूसरे से तीसरे गैंग में फुदकने लगा। तत्काल ही गैंग दल-दल में बदल गया। कुल मिलाकर परिणाम यह हुआ कि सरकारी तालाब का पानी दल-दल हो लिया। यहां चमचों का रूप धारण करके कई केकड़े दल-दल में जगह बनाने लगे। कई बार ऐसा हुआ कि मेंढ़कों की ऑडियोवाणी के साथ केकड़े भी लग गए। कुछ केकड़ों ने अपना वीडियो पाठ भी शुरू कर दिया। बड़े दलाल सांपों ने छोटे चमचा सांपों को अपने साथ लेते हुए इस कीचड़ में अपने फन फैलाने शुरू कर दिए। राजनीति कीचड़ में सरसराने लगी। बड़ी मछली छोटी मछली को षड़यंत्र पूर्वक खाने लगी। मेंढ़क मछलियों को निगलने लगे। मछलियां क्या करे? वे भी केकड़ें खाने लगी। सांप मेंढ़कों की ओर फन फैलाकर तसल्ली से बैठ गए। बड़े से सरकारी तालाब में भूचाल सा महाभारत मच गया। जंगल में चुनाव का रिजल्ट आ गया।

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