बेवाना में पुलिस पिटाई से दलित युवक की मौत, आरोपी सिपाहियों के खिलाफ हत्या व एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज

बेवाना में पुलिस पिटाई से दलित युवक की मौत, आरोपी सिपाहियों के खिलाफ हत्या व एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज


प्रवेश कुमार हत्याकांड प्रकरण की जांच हेतु जिलाधिकारी द्वारा गठित की गई एडीएम के नेतृत्व में जांच कमेटी


- सत्यम सिंह


अम्बेडकरनगर। जनपद में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत का मामला सामने आया है। मृतक युवक के परिजनों का आरोप है कि दो पक्षों के झगड़े के बाद पहुंची पुलिस ने बहन के यहां गए भाई की पिटाई कर दिया। जबकि उस झगड़े से मृतक युवक का कोई वास्ता नहीं था। पुलिस कर्मियों की पिटाई से युवक की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पूरे मामले में जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी  की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दिया है। 


विवरण के अनुसार, जनपद के बेवाना थाना क्षेत्र के बेवाना खास में बीती 30/01 की रात्रि  दो पक्षों में झगड़ा हो रहा था जिसकी सूचना पुलिस को दी गई। 


आरोप है कि इस दौरान वहां से गुजर रहे प्रवेश कुमार जो अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के सोनगांव का रहने वाला था और अपनी बहन के घर गया था उसको पुलिस ने घर से थोड़ी दूरी पर पकड़ कर पीटने लगी। पुलिस की पिटाई से युवक प्रवेश की हालत गंभीर हो गई जिसको परिजन जिला अस्पताल लेकर गए जहा डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया।




मृतक की बहन कमलावती ने बताया "मेरा 20 साल का भाई प्रवेश इलाके के जमालपुर सोनगांव में रहता है। वह मेरी ससुराल बेवाना में मुझसे मिलने आया था। बुधवार की रात गांव में 2 पक्षों में विवाद हो रहा था। इस दौरान प्रवेश वहां खड़ा होकर विवाद देखने लगा। झगड़े में उसका कोई रोल नहीं था। इस बीच गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को जानकारी दे दी। थोड़ी ही देर में बेवाना थाने के पुलिसकर्मी पहुंच गए। उन्हें देखते ही विवाद करने वाले भाग गए। इस दौरान पुलिस ने प्रवेश को ही पकड़ लिया।" 


कमलावती ने बताया "प्रवेश को पुलिसकर्मी लात-घूंसों से जमकर पीटने लगे। हम लोग मौके पर पहुंच गए। बार-बार कहते रहे कि साहब, झगड़े में यह नहीं था, इसके बावजूद पुलिसकर्मी नहीं माने। पिटाई से प्रवेश भी लगातार चीख रहा था। इसके बावजूद पुलिसकर्मी रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। हम लोगों ने बचाने की कोशिश की तो वे बार-बार धक्का दे रहे थे। बाद में कुछ और लोग पहुंच गए। इसके बाद पुलिसकर्मी प्रवेश को अधमरा छोड़कर चले गए।" मृतक की बहन का आरोप है कि झगड़ा दो पक्षों में हो रहा था मेरे भाई का उससे  कोई मतलब नहीं था उसके बावजूद पुलिस ने घर से कुछ दूर पर खड़े भाई को पीट दिया।


मृतक के भाई ने बताया कि उसका भाई दूर खड़ा था पुलिस लौट रही थी कि उसे पकड़ लिया और पहले गाली गलौज किया और पीटने लगे। पिटाई से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। भाई का कहना है कि दोनों पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाय। जब तक एफआईआर नही हो जाती पीएम नही कराएंगे हमे न्याय चाहिए। प्रवेश के बड़े भाई बालगोविंद ने बताया "पुलिसकर्मियों ने प्रवेश को बेरहमी से पीटा। विवाद करने वालों पर कार्रवाई के बजाय बिना वजह उसकी पिटाई की गई। पिटाई से प्रवेश होश खो चुका था। हम लोग उसे लेकर जिला अस्पताल में पहुंचे। इस दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 


मामले में जानकारी लेने के लिए डीएम और एसपी भी जिला अस्पताल पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने मृतक के परिजनों से बात किया। परिजनों के आरोप और बयान के बाद इस मामले की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डीएम ने जांच कमेटी बना दिया है।मृतक प्रवेश कुमार की बहन कमलावती की तहरीर पर बेवाना थाना के आरोपी सिपाही अरविंद कुमार और मिथिलेश यादव के खिलाफ एसपी अजीत कुमार सिन्हा के निर्देश पर हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। अभी तक आरोपी सिपाहियों के विरुद्ध कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की गई है। 


जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन ने प्रवेश कुमार हत्याकांड प्रकरण में एडीएम के नेतृत्व में एक जांच कमेटी का गठन किया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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